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नई दिल्ली : भारत ने रविवार को दो और स्वर्ण पदक के साथ अंतरराष्ट्रीय निशानेबाजी खेल महासंघ (आईएसएसएफ) विश्व कप में अपने अभियान को अब तक के सबसे अधिक पदकों के साथ खत्म किया। भारतीय निशानेबाज इस विश्व कप में हालांकि पहले से हासिल किये गये 15 ओलंपिक कोटे की संख्या में इजाफा करने में नाकाम रहे। तोक्यो ओलंपिक से पहले राइफल और पिस्टल निशानेबाजों के आखिरी बड़े अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट के पदक तालिका में शीर्ष पर काबिज भारत ने 15 स्वर्ण सहित 30 पदक अपने नाम किए। इसमें नौ रजत पदक और छह कांस्य पदक भी शामिल हैं।

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विश्व कप के आखिरी प्रातियोगिता भारत के केनान चेनाई, पृथ्वीराज टोंडाइमान और लक्ष्य श्योराण ने आईएसएसएफ विश्व कप की पुरूष टीम ट्रैप स्पर्धा में स्वर्ण पदक हासिल किया। इससे पहले श्रेयसी सिंह, राजेश्वरी कुमारी और मनीषा कीर ने महिला टीम ट्रैप स्पर्धा के फाइनल में कजाखस्तान को 6-0 से हराकर स्वर्ण पदक जीता।। स्वर्ण पदक के मैच में मेजबान देश की निशानेबाजों को जरा भी पसीना नहीं बहाना पड़ा, उन्होंने कजाखस्तान की सारसेंकुल रिसबेकोवा, ऐजान दोस्मागामबेतोवा और मारिया दिमित्रियेंको को आसानी से पछाड़ दिया। विजयवीर सिद्धू, गुरप्रीत सिंह और आदर्श सिंह पुरूषों की 25 मीटर रैपिड फायर पिस्टल टीम स्पर्धा में फार्म के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर सके जिससे उन्हें रजत पदक से संतोष करना पड़ा।

अमेरिका के केथ सैंडरसन, जैक होबसन लेवरेट और हेनरी टर्नर लेवरेट ने टूर्नामेंट के अंतिम दिन घरेलू टीम पर 10-2 की जीत से स्वर्ण पदक जीता। भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ (एनआरएआई) के अध्यक्ष रणिंदर सिंह ने टूर्नामेंट के बाद कहा, ‘‘ मुझे उम्मीद थी कि घरेलू महौल में हमारे निशानेबाज ओलंपिक के लिए 16वां कोटा हासिल करेंगे। लेकिन वह लड़का (विजयवीर) अभी काफी युवा है, उसने अच्छा प्रदर्शन किया। आप आगे उसका शानदार प्रदर्शन देखेंगे।

रणिंदर भारतीय निशानेबाजों के प्रदर्शन से संतुष्ठ दिखे। उन्होंने कहा, ‘‘ खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ा हुआ है, लेकिन मैं पहले कह चुका हूं कि यह ओलंपिक में प्रदर्शन का पैमाना नहीं है। यह जरूरी था कि यहां अच्छा प्रदर्शन करें क्योंकि इससे मनोबल ऊंचा होता है, मनोवैज्ञानिक रूप से यह हमारे लिए महत्वपूर्ण है।'' पुरूष टीम ट्रैप स्पर्धा के फाइनल में स्लोवाकिया के मिशेल स्लामका, फिलिप मारिनोव और एड्रियन ड्रोबनी की टीम ने 2-0 की बढ़त कायम कर ली थी लेकिन फिर भारतीय टीम ने वापसी करते हुए स्कोर 2-2 और 4-4 से बराबर किया। निर्णायक दौर में भारतीय निशानेबाजों ने दो अंक जुटा कर 6-4 से मुकाबला अपने नाम कर लिया। कांस्य पदक के मुकाबले में कजाखस्तान की एक अन्य टीम ने कतर को हराकर पदक हासिल किया।

विक्टर खसयानोव, मैक्सिम कोलोमेट्स और एंड्री मोगिलेवस्की की कजाखस्तान की टीम ने कतर के मुहम्मद अल-रौमीह, सैयद अबुशारिब और नासिर अली अल हमीदी को 6-4 से हराया। भारतीय टीम गुरूवार को हुए क्वालीफिकेशन में 494 अंक के साथ दूसरे स्थान पर थी जबकि स्लोवाकिया की टीम 498 अंक के साथ पहले स्थान पर थी। कजाखस्तान (489) तीसरे, कतर (466) चौथे और यूएई (327) पांचवें स्थान पर रहा था। केनान इससे पहले व्यक्तिगत पुरुष टैप स्पर्धा में शुक्रवार को चौथे स्थान पर रहे थे। महिलाओं के ट्रैप टीम स्पर्धा के फाइनल में अनुभवी श्रेयसी और मनीषा के काफी कम शॉट निशाने से चूके और उनकी प्रतिद्वंद्वी उनके सामने काफी फीकी साबित हुईं। 

राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता श्रेयसी, राजेश्वरी और मनीषा ने डा कर्णी सिंह शूटिंग रेंज में क्वालीफिकेशन राउंड में 321 अंक जुटाये थे जबकि कजाखस्तान की टीम ने कुल 308 अंक हासिल किये। शनिवार को श्रेयसी और केनान चेनाई की जोड़ी ट्रैप मिश्रित टीम स्पर्धा के फाइनल में पदक से चूक गयी थी और चौथे स्थान पर रही। रैपिड फायर के दूसरे क्वालीफिकेशन में गुरप्रीत, विजयवीर और आदर्श की भारतीय तिकड़ी ने 552 अंक का स्कोर बनाया जिससे वे दूसरे स्थान पर रहे जिसमें तीनों ने क्रमश: 184, 178 और 190 अंक जुटाये। अमेरिकी टीम इसमें 571 अंक से शीर्ष पर रही।

डा कर्णी सिंह शूटिंग रेंज में क्वालीफिकेशन में अमेरिकी टीम ने कुल 868 का स्कोर बनाया जबकि भारतीय टीम का स्कोर 857 रहा। टूर्नामेंट में ज्यादातर स्पर्धाओं भारत का प्रदर्शन शानदार रहा है जिससे भारत 13 स्वर्ण, नौ रजत और छह कांस्य से कुल 28 पदक जीतकर तालिका में शीर्ष पर बरकरार है। विजयवीर (18 वर्ष) ने शुक्रवार को रैपिड फायर स्पर्धा में व्यक्तिगत रजत पदक जीता था। शनिवार को उन्होंने तेजस्विनी के साथ मिलकर 25 मीटर रैपिड फायर पिस्टल मिश्रित टीम स्पर्धा का स्वर्ण पदक जीता था।