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नई दिल्ली : भारत के सर्वश्रेष्ठ सलामी बल्लेबाजों में से एक वीरेंद्र सहवाग ने राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) की ड्रग्स पॉलिसी पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सहवाग ने एक एप की प्रमोशन पर कहा कि इस पॉलिसी की सबसे बढ़ी समस्या ठहरने के स्थान संबंधी नियम को लेकर है। इससे भारतीय क्रिकेटर बेहद परेशान होंगे। वर्षों तक इनकार के बाद बीसीसीआई हाल ही में नाडा के दायरे में आने को राजी हुआ है। सहवाग ने इस पर कहा- मेरा कई बार डोप परीक्षण हुआ। घरेलू क्रिकेट में भी जब मैं टीम से बाहर था, आईपीएल के दौरान भी। ठहरने के स्थान संबंधी नियम के साथ समस्या यह है कि मैं यह नहीं बता सकता कि किसी निश्चित तारीख के निश्चित समय पर मैं कहां रहूंगा। मैं शुरुआत में इसका जिक्र कर सकता हूं और फिर अगर मेरा कार्यक्रम बदल गया तो।

वहीं, सेलेक्टर एप पर बात करते हुए सहवाग ने कहा कि अगर मेरे समय में ऐसी कोई चीज होती तो मैं ओपनर नहीं बन पाता। भारत के पहले तिहरे शतकधारी और मुल्तान के सुल्तान के नाम से मशहूर सहवाग ने कहा- यदि मेरे समय में इस तरह का कोई एप होता तो मैं कभी ओपनर नहीं बन पाता। क्रिकेट प्रशंसक सचिन के साथ सौरभ गांगुली को ही ओपनर चुनते और मैं मध्यक्रम में ही खेलता रह जाता।

सहवाग ने कहा, जब आप भारतीय टीम में होते हैं कप्तान और कोच ही टीम का चयन करते हैं। इस एप के जरिए प्रशंसकों को अपनी टीम चुनने का मौका मिल सकता है और वह देख सकते हैं कि उनकी पसंद की टीम क्या हो सकती है। यह पूछने पर कि क्या वह भारतीय टीम का कोच बनना चाहेंगे, सहवाग ने हंसते हुए कहा, ‘2017 में मैंने कोच पद के लिए तब आवेदन किया था जब मुझसे कहा गया था। लेकिन इस बार मुझसे किसी ने ऐसा नहीं कहा और मैंने कोच बनने के लिए आवेदन नहीं किया।' 

if-selector-app-in-my-time-it-would-never-have-been-an-opener-sehwagसेलेक्टर एप के ब्रांड एंबेसेडर सहवाग से यह पूछने पर कि क्या वह 2021 में रवि शास्त्री का कार्यकाल समाप्त होने के बाद कोच के लिए आवेदन करना चाहेंगे। उन्होंने कहा- दो साल में बहुत कुछ बदल जाता है। मैं बीसीसीआई का अध्यक्ष भी बन सकता हूं। तब मुझे कोच के लिए आवेदन करने की कोई जरूरत नहीं पड़ेगी। उन्होंने जोर देकर कहा कि पूर्व भारतीय कप्तान और लेग स्पिनर अनिल कुंबले को भविष्य में चयनकर्ता प्रमुख बनाया जाना चाहिए।