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नई दिल्ली : फॉर्मूला ई रेस के पूर्व चैम्पियन नीक डी व्रीस को इस बात का मलाल है कि फॉर्मूला वन रेस में उनका करार ज्यादा लंबा नहीं चला है। मौजूदा सत्र में भारत की महिंद्रा रेसिंग टीम का प्रतिनिधित्व करने वाले 2020-21 सत्र के चैम्पियन फिर से फॉर्मूला ई रेसिंग में वापस आकर खुश हैं। इस 28 साल के ड्राइवर को फॉर्मूला वन के अपने पदार्पण सत्र में कोई अंक हासिल करने में विफल रहने पर अल्फाटौरी टीम ने केवल 10 रेस के बाद बाहर कर दिया था। 

डी व्रीस ने कहा, ‘बेशक, जब आपके सपने इतनी जल्दी टूट जाये तो यह दुखद होता है।' डी व्रीस ने फॉर्मूला टू और फॉर्मूला ई में चैंपियनशिप जीतने के बाद लंबे समय तक फॉर्मूला वन में रिजर्व ड्राइवर की भूमिका निभाई है। फॉर्मूला वन का साथ छूटने के बाद नीदरलैंड के इस ड्राइवर ने भारत की महिंद्रा रेसिंग ई टीम के साथ करार किया। उन्होंने कहा, ‘यह परिवर्तन (एफ1 से एफई तक) वास्तव में तेजी से हुआ। मैंने पिछले साल चैंपियनशिप के अंतिम दौर के लिए लंदन की यात्रा की ताकि पैडॉक में वापस आ सकूं। मैं यह देखना चाहता था कि क्या इस सत्र में मेरे लिए कोई जगह उपलब्ध है?' 

उन्होंने कहा, ‘मैंने थोड़ा समय निकाला, फिर भी मैंने तुरंत इस वर्ष के लिए अपना कार्यक्रम बनाने पर ध्यान केंद्रित किया। मैं फॉर्मूला ई में वापस आकर बहुत खुश हूं। मुझे अच्छा ब्रेक मिला, अच्छा समय मिला और अब मैं सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर हूं।'' वह मैक्सिको सिटी में हुई सत्र की पहली रेस में 15वें स्थान पर रहे थे। भारत में ई प्रिक्स के दूसरे सत्र का आयोजन 10 फरवरी को हैदराबाद में होना था लेकिन तेलंगाना की नई सरकार द्वारा अनुबंध के कथित उल्लंघन के कारण फॉर्मूला ई द्वारा इसे रद्द कर दिया गया था। 

उन्होंने कहा, ‘भारत हमारे (महिंद्रा) ‘डीएनए' का एक बड़ा हिस्सा है। मुझे भारत में अपने सहयोगियों से मिलकर खुशी होगी और उम्मीद है कि उन्हें अपने देश में गर्व महसूस होगा। यह इस साल नहीं होना था लेकिन उम्मीद है कि भविष्य में हम ऐसा कर सकेंगे।'