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नई दिल्लीः दिग्गज क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने एक बार फिर मिसाल कायम करते हुए भारतीय व्हीलचेयर क्रिकेट टीम को उसके पहले विदेश दौरे के लिए आर्थिक मदद दी। व्हीलचेयर टीम ने बांग्लादेश का दौरा किया और वहां तीन मैचों की श्रृंखला में 2-0 से जीत दर्ज की। भारतीय व्हीलचेयर क्रिकेट के सचिव प्रदीप राज ने बताया कि एक महीने से वह टीम के दौरे के लिए साढ़े छह लाख रुपये जुटा रहे थे ताकि बांग्लादेश में द्विपक्षीय श्रृंखला खेल सके लेकिन पूरी कोशिश के बाद भी वे सिर्फ दो लाख जुटा सके और फिर उनके दिमाग में तेंदुलकर से मदद मांगने का विचार आया।      

सचिन नहीं होते तो रद्द होता बांग्लादेश का दौरा 
उन्होंने कहा, ‘‘ मेरी पूरी कोशिश के बाद भी मुझे सिर्फ एक प्रायोजक मिला जिसने हमें दो लाख रुपये दिये। मैंने व्हीलचेयर टीम के लिए कई लोगों से मदद मांगी लेकिन कहीं से कोई मदद नहीं मिली। मेरे पास सचिन सर ( तेंदुलकर ) का ई - मेल आईडी था और मैंने ई - मेल के जरिये उनसे मदद मांगी। मैं उनसे पैरा खेलों के दौरान मिला था। ’’ राज ने कहा, ‘‘ मुझे उस वक्त सुखद आश्चर्य हुआ जब तीन दिन के भीतर ही उनके कार्यालय ने मुझ से संपर्क किया और उन्होंने हमें साढ़े चार लाख रुपये दान दिये। अगर उनकी मदद नहीं मिलती तो भारतीय व्हीलचेयर क्रिकेट टीम को बांग्लादेश का दौरा रद्द करना पड़ता। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘ उनकी मदद से हमने 19 खिलाडिय़ों के लिए विमान के टिकट खरीदे और बची हुई रकम से सभी खिलाडिय़ों को 10-10 हजार रुपये भी दिये। ’’  राज ने कहा, ‘‘ भारतीय जनता पार्टी के सांसद और भोजपुरी गायक - अभिनेता मनोज तिवारी ने भी टीम के सभी खिलाडिय़ों को 10-10 हजार रुपये दिये। यह पहली बार है जब सभी भारतीय खिलाडिय़ों को टूर्नामेंट में भाग लेने के लिए 20-20 हजार रुपए मिले। ’’      
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उन्होंने कहा, ‘‘ ढाका में हुए तीन मैचों की इस श्रृंखला का पहला मैच बारिश से धुल गया था जबकि अगले दो मैचों में भारतीय टीम ने जीत दर्ज की। यह दूसरी बार है जब व्हीलचेयर टीम ने किसी अंतरराष्ट्रीय श्रृंखला में भाग लिया। पिछली बार हमने बांग्लादेशी टीम को दिल्ली बुलाया था। ’’ राज ने कहा कि उनके लिए तेंदुलकर की मदद से ज्यादा इस बात का महत्व है कि उनके जैसा शख्स दिव्यांग खिलाडिय़ों के साथ खड़ा हुआ। राज ने अपील करते हुए कहा , ‘‘ हमें पता है कि दृष्टिबाधित क्रिकेटरों ने बीसीसीआई से मदद की मांग की है। हम क्रिकेट के प्रति सर्मिपत ऐसे खिलाडिय़ों के समूह हैं जिसने जिंदगी में बड़ी त्रासदियां झेली हैं। अगर हमें मदद मिलती है तो इससे लोग करियर के दूसरे आयाम के बारे में भी सोच सकेंगे। ’’