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कोलकाता : दुनिया के मशहूर ‘एंडवेंचरर' माइक हॉर्न का मानना है कि भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने तोक्यो और पेरिस ओलंपिक में लगातार कांस्य पदक जीतने के बाद अपनी मजबूत नींव का प्रदर्शन किया जिसे देखते हुए चार साल बाद लॉस एंजिल्स में उनमें स्वर्ण जीतने की क्षमता है। स्विट्जरलैंड के ‘मोटिवेशनल कोच' के तीन दिवसीय मानसिक दृढ़ता वाले ‘बूट शिविर' ने हरमनप्रीत एंड कंपनी को अपनी सीमाओं से आगे बढ़ने में मदद की और वे अपने सहज क्षेत्र से बाहर आकर मजबूती से एकजुट होने में सफल रहे। 

हॉर्न कहा, ‘भारतीय टीम ने कांस्य पदक जीता है, वह उनके समर्पण का प्रतिबिंब है और मेरा मानना ​​है कि उन्होंने भविष्य की सफलता के लिए एक मजबूत आधार तैयार किया है जिसमें अगले ओलंपिक में स्वर्ण जीतने की संभावना भी शामिल है।' उन्होंने कहा, ‘टीम का प्रदर्शन असाधारण था और टीम स्वर्ण पदक जीतने के बहुत करीब पहुंच गई थी। उन्होंने पूरे टूर्नामेंट में शानदार कौशल, रणनीति और मानसिक दृढ़ता दिखाई।' 

हॉर्न ने कहा, ‘हालांकि वे स्वर्ण पदक हासिल नहीं कर पाए। लेकिन यह तथ्य है कि वे इसके इतने करीब थे जो उनकी कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प का प्रमाण है।' उन्होंने कहा, ‘यह समझना भी महत्वपूर्ण है कि पदक जीतना और वो भी ओलंपिक में, एक बहुत बड़ी उपलब्धि है।' हॉर्न को उनके महेंद्र सिंह धोनी की अगुआई वाली 2011 विश्व कप विजेता भारतीय टीम, 2014 में इंडियन प्रीमियर लीग विजेता टीम कोलकाता नाइट राइडर्स और जर्मनी की 2014 फुटबॉल चैम्पियन टीम के साथ काम के लिए भी जाना जाता है। 

भारत ने पेरिस ओलंपिक में अपना अभियान न्यूजीलैंड पर जीत से शुरू किया और धीरे धीरे लय हासिल की। ग्रुप चरण में भारत की सबसे बड़ी जीत ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ रही जिसे टीम ने 52 साल बाद शिकस्त दी। टीम की एकजुटता और मानसिक मजबूती ब्रिटेन के खिलाफ शूटआउट में जीत के दौरान दिखी जबकि दूसरे क्वार्टर के शुरू से ही टीम 10 खिलाड़ियों के बिना खेल रही थी। हॉर्न (58 वर्ष) ने कहा, ‘मैंने पेरिस 2024 में उनका सफर बहुत करीब से देखा और मैं उनकी सहनशीलता और उन्होंने दबाव का किस तरह से सामना किया, उससे काफी प्रभावित हुआ। उनकी इस यात्रा में छोटी सी भूमिका निभाना सम्मान की बात है।'