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खास इंटरव्यू - ग्रांड मास्टर कोनेरु हम्पी

भोपाल , पिछले दिनो विश्व ब्लिट्ज शतरंज स्पर्धा में भारतीय नंबर एक महिला शतरंज खिलाड़ी ग्रांड मास्टर कोनेरु हम्पी नें रजत पदक जीतकर एक बार फिर भारत का तिरंगा दुनिया के सामने लहरा दिया । अर्जुन अवार्ड और पद्म श्री से सम्मानित ग्रांड मास्टर कोनेरु हम्पी नें पंजाब केसरी और चेसबेस इंडिया के लिए सयुंक्त तौर पर निकलेश जैन से बातचीत की ।

निकलेश - सबसे पहले आपको विश्व ब्लिट्ज़ का रजत पदक जीतने पर बधाई , कैसा रहा आपका यह सफर ?

कोनेरु हम्पी - धन्यवाद पर यह मेरे लिए भी काफी अप्रत्याशित पदक था ,खासतौर पर ब्लिट्ज़ में पहले दिन के बाद जब मैं पहले दो मुक़ाबले हार गयी और 0 -2 से शुरुआत हुई । पर अगले दिन मैं काफी बेहतर खेल रही थी , मैं तेज खेल पा रही थी,मुझे लगता है की सबसे महत्वपूर्ण अंतिम दो राउंड में सबसे आगे चल रही खिलाड़ियों को पराजित करना रहा । पोलिना और तान को हराकर पीछे छोड़ना पदक जीतने का कारण रहा ।

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निकलेश - वर्ष 2022 आपके लिए ओलंपियाड के पदक को छोड़ दे तो बहुत अच्छा नहीं गया था ,ऐसे मे विश्व  रैपिड और ब्लिट्ज़ में आप क्या सोचकर गयी थी ?

कोनेरु हम्पी - विश्व रैपिड ब्लिट्ज के पहले खराब टूर्नामेंट बीतने के कारण मैं खुद से यही कह रही थी की मुझे थोड़ा अच्छा खेल खेलना चाहिए । मैंने पदक और स्थानो के बारे में कुछ भी नहीं सोचा

निकलेश - जब कोनेरु हम्पी 15 -16 साल की थी और अब जब बड़ा नाम है , दोनों समय कोई असफलता मिलने पर आपकी प्रतिक्रिया में क्या अंतर है ?

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कोनेरु हम्पी - नहीं मैं इसे बहुत ज्यादा गंभीरता से नहीं लेती हूँ ,अगर मैं हारती हूँ तो मैं देखती हूँ की क्या गलतियाँ हुई और मेरी नियमित तैयारी में किस बात की कमी है, मैं बस उन बातो को समझने की कोशिश करके वापसी करने की कोशिश करती हूँ । जब मैं युवा थी तब यह निश्चित तौर पर एकदम अलग था ,उस उम्र में जब आप एक खास समय में मैच हारते है तो आप बहुत निराश हो जाते है और संयम खोने लगते है

निकलेश -आप नें विश्व महिला शतरंज के लगभग हरे बड़े रिकॉर्ड को तोड़ा है पर आज भी विश्व क्लासिकल चैंपियनशिप का खिताब आपसे दूर है ,इस बारे में आपका क्या कहना है ?

कोनेरु हम्पी - सही कहूँ तो मेरी कोई योजना नहीं है बल्कि मैं तो विश्व खिताब या पदक के बारे मैं बिलकुल नहीं सोच रही हूँ ,तो मैं जब भी टूर्नामेंट खेलती हूँ मैं बस कुछ अच्छे मुक़ाबले खेलना चाहती हूँ

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निकलेश -भारत नें इस बार ना सिर्फ शतरंज ओलंपियाड का आयोजन किया बल्कि पहली बार एक साथ दो पदक जीते ,आपको भारतीय शतरंज किस दिशा में जाता नजर आता है ?

कोनेरु हम्पी - निश्चित तौर पर हम लगातार मजबूत होते देश जा रहे है ,लड़को के बारे मैं तो बात ही करने की जरूरत नहीं है ,अर्जुन , निहाल ,प्रज्ञानंदा और गुकेश ,मैं देख रही हूँ जहां भी वो खेलते है कोई ना कोई चर्चा के केंद्र में होता है और वह सब ऊंची उड़ान भर रहे है ,तो उनके बारे में तो कोई सवाल ही नहीं है उन सब नें अपनी प्रतिभा दिखा दी है । महिलाओं के बारे में बात करूँ तो हमारी एक नई पीढ़ी आ रही है ,निश्चित तौर पर हम एक आगे बढ़ते हुए देश है ।

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निकलेश जैन -इस वर्ष दिल्ली में होने वाली फीडे ग्रां प्री में खेलेंगी ?कोनेरु हम्पी - ग्रां प्री का उद्देश्य क्लासिकल विश्व चैम्पियन देना है ,जीतने वाले को टाइटल मैच खेलना होता है मौजूदा विश्व चैम्पियन के साथ और ग्रां प्री से आपको प्ले ऑफ फॉर्मेट खेलना है और मैं इस फॉर्मेट को लेकर खुश नहीं हूँ और इसीलिए मैं इसे खेलने और ना खेलने के बारे में सोच रही हूँ ।

निकलेश जैन - विश्व रैपिड और ब्लिट्ज़ में आपके कोई सबसे ज्यादा पसंदीदा मुक़ाबले ?

कोनेरु हम्पी - वैसे तो ब्लिट्ज़ के दूसरे दिन लगभग हर मुक़ाबला क्यूंकी मैंने बहुत आनंद उठाया ,पर फिर भी अंतिम दो मुक़ाबले बेहद अच्छे थे ।

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