राउरकेला : अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ (FIH) अध्यक्ष दातो तैय्यब इकराम ने बुधवार को प्रतिष्ठित चैंपियंस ट्रॉफी को फिर से आयोजित करने की इच्छा व्यक्त की लेकिन साथ ही उन्होंने पहले से ही व्यस्त अंतरराष्ट्रीय हॉकी कैलेंडर में इस टूर्नामेंट को शामिल करने की मुश्किलों को भी उजागर किया।
चैंपियंस ट्रॉफी 1978 में एक सालाना टूर्नामेंट के तौर पर शुरू हुई और 2014 में यह द्विवार्षिक हो गई। यह टूर्नामेंट एक समय हॉकी की सबसे प्रतिष्ठित प्रतियोगिताओं में शामिल था जो केवल विश्व कप और ओलंपिक से पीछे था। इसका अंतिम चरण 2018 में आयोजित कराया गया था। इसके बाद एफआईएच ने इसे बंद कर दिया था।
इकराम ने एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा, ‘हम इस बात से इनकार नहीं कर रहे हैं कि चैंपियंस ट्रॉफी या इसी तरह के किसी टूर्नामेंट को फिर से शुरू किया जा सकता है। लेकिन हमें कैलेंडर में जगह देखने की जरूरत है।' उन्होंने खिलाड़ियों के व्यस्त कार्यक्रम और उनके कार्यभार को ध्यान में रखते हुए ‘बेहतर और अधिक रोमांचक टूर्नामेंट' शुरू करने के महत्व पर प्रकाश डाला।
इकराम ने हॉकी की वैश्विक पहुंच का विस्तार करने और शीर्ष नौ टीमों से परे देशों के लिए मौका प्रदान करने की जरूरत पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा, ‘हमारे पास दूसरे दर्जे के देशों के लिए कुछ नहीं था। शीर्ष नौ-10 देशों के बाद हमने अगले आठ देशों के लिए नेशन्स कप शुरू किया है। एफआईएच के लिए मेरा लक्ष्य है कि शीर्ष 35 देश एफआईएच टूर्नामेंट में शामिल हों, जो इतिहास में पहले कभी नहीं हुआ है।'
उन्होंने कैलेंडर की चुनौतियों को स्वीकार करते हुए एलीट और उभरते हॉकी देशों के बीच की खाई को पाटने के महत्व को रेखांकित किया। इकराम ने कहा, ‘अंतर पाटने का एकमात्र तरीका है कि हमें अन्य देशों को भी शामिल करना होगा। इसलिए समस्या यह होगी कि आपका कैलेंडर अधिक भरा होगा।'
एफआईएच का एक प्रमुख टूर्नामेंट प्रो लीग 2019 से चल रहा है। इसके बारे में बोलते हुए इकराम ने ‘प्रो लीग कनेक्ट' नाम की एक नयी परियोजना के शुरू होने की घोषणा की जिसका उद्देश्य शीर्ष हॉकी देशों के बाहर के देशों को शामिल करना है। इकराम ने इसके बारे में अधिक जानकारी दिये बिना कहा, ‘पिछले साल के अंत में मैंने हमारे प्रतियोगिता विभाग और प्रो लीग टीम के साथ एक बैठक की थी। हम ‘प्रो लीग कनेक्ट नामक' की एक परियोजना शुरू कर रहे हैं।'