Sports

मेलबर्न : दो साल पहले जब उन्होंने टी20 विश्व कप में पाकिस्तान के खिलाफ 53 गेंद में नाबाद 82 रन बनाकर भारत को असंभव सी जीत दिलाई तो मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड (एमसीजी) पर जमा 90000 से अधिक दर्शकों की जुबां पर एक ही नाम था ..विराट कोहली। क्रिकेट की किवदंतियों में शुमार इस पारी से उन्होंने अपने आलोचकों को भी करारा जवाब दिया। दो साल बाद प्रारूप अलग है लेकिन हालात वही। 

बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के पहले मैच में पर्थ में शतक जमाने के बाद बाकी 5 पारियों में कोहली 26 रन ही बना सके हैं। लेकिन उनके प्रशंसकों को यकीन है कि अपने पसंदीदा मैदान एमसीजी पर उनका बल्ला जमकर चलेगा। यहां उनकी लोकप्रियता का आलम यह है कि टूर गाइड से लेकर सुरक्षाकर्मियों तक सभी की जुबां पर उन्हीं का नाम है। एमसीजी पर ऑस्ट्रेलियाई खेल संग्रहालय के टिकट काउंटर पर पहुंचते ही कोहली की तस्वीरों से ही सामना होता है। 

सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर 2018-19 में पहली बार श्रृंखला जीतने के बाद बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी को चूमते हुए और एमसीजी पर तीसरे टेस्ट में टीम के साथ जश्न मनाते हुए कोहली की तस्वीरें यहां लगी हैं। इसके साथ ही लिखा है, ‘कोहलीस कांकरर्स (कोहली की विजेता टीम)' .. ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट श्रृंखला जीतने का भारत का इंतजार 2018-19 में खत्म हुआ।' एमसीजी टूर कराने वाले गाइड डेविड एक घंटे के टूर में बार-बार बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी और बॉक्सिंग डे टेस्ट का जिक्र करते हुए इसे ‘ब्लॉकबस्टर' मैच बताते हैं और कोहली का जिक्र उनकी बातों में बार बार आता है हालांकि उनके अपने पसंदीदा भारतीय क्रिकेटर शानदार फॉर्म में चल रहे तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह हैं। 

डेविड ने कहा, ‘यह ऑस्ट्रेलिया में सबसे बड़ा टेस्ट है और भारत ऑस्ट्रेलिया मुकाबले से ज्यादा रोमांचक क्या हो सकता है। मुझे इसका बेताबी से इंतजार है। पर्थ में पहले टेस्ट में विराट ने शानदार पारी खेली जिसकी उसे और भारतीय टीम को बहुत जरूरत थी। वह यहां काफी लोकप्रिय हैं लेकिन हम उम्मीद करते हैं कि उनका बल्ला यहां नहीं चले।' 

उन्होंने आगे कहा, ‘जसप्रीत बुमराह मेरा फेवरिट है जिसने 2018 में एमसीजी पर ही 33 रन देकर छह विकेट लिए और भारत ने बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी भी जीती थी। इस श्रृंखला में भी पर्थ में शानदार गेंदबाजी के साथ बेहतरीन कप्तानी भी की। उनके फॉर्म को देखते हुए वह भारत के लिए ट्रंपकार्ड होंगे लेकिन मैं उम्मीद करता हूं कि वह एक बार यहां फिर पारी के पांच विकेट नहीं लें।' 

कोहली ने पहला बॉक्सिंग डे टेस्ट अपने पदार्पण वर्ष 2011 में खेलकर सातवें नंबर पर उतरकर पहली पारी में 11 रन बनाए थे और दो कैच भी लपके थे। दूसरी पारी में वह खाता नहीं खोल सके। फिर 2014 में महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में यहां चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए 169 रन बनाए और अजिंक्य रहाणे के साथ 262 रन की साझेदारी की। दूसरी पारी में भी 54 रन बनाकर उन्होंने मैच ड्रॉ कराने में अहम भूमिका निभाई। पिछली बार 2018 में कप्तान कोहली ने पहली पारी में इस मैदान पर 82 रन बनाये लेकिन दूसरी पारी में खाता नहीं खोल सके लेकिन मिचेल मार्श और आरोन फिंच के कैप लपके। बुमराह ने 9 विकेट लेकर भारत की 137 रन से जीत की नींव रखी और बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में 2-1 की बढ़त बनाई। 

कोहली दुनिया के दूसरे सबसे बड़े मैदान पर अब तक तीन टेस्ट में 52.66 की औसत से 316 रन बना चुके हैं जिसमें एक शतक और दो अर्धशतक शामिल हैं। भारत के लिए एमसीजी पर सबसे ज्यादा रन बनाने वाले सचिन तेंदुलकर (10 मैचों में 449) से वह 133 रन और रहाणे (6 मैचों में 369 रन) से 53 रन पीछे हैं। 

पर्थ में रहने वाली गुजरात की सलोनी खास तौर पर मेलबर्न टेस्ट देखने क्रिसमस की छुट्टियों में यहां आई हैं। उन्होंने कहा, ‘पहली बार मैने पर्थ में स्टेडियम में टेस्ट देखा और बहुत खुशी है कि विराट ने उस मैच में शतक जमाया। बाकी मैचों को लेकर काफी रोमांचित हूं। मेलबर्न में बहुत अच्छा मैच होने वाला है। मुझे विराट की आक्रामकता बहुत पसंद है। मैदान पर उन्हें देखने में मजा आता है। वह कैच भी बहुत अच्छे लपकते हैं और उनकी फिटनेस का जवाब नहीं है।' 

वहीं क्रायोन मैथ्यूज का मानना है कि उनकी टीम को कोहली से सतर्क रहना होगा। उन्होंने कहा, ‘मैं मेलबर्न टेस्ट के लिए बहुत रोमांचित हूं। मुझे लगता है कि कोहली पर्थ में एक शतक जमा चुके हैं और मेलबर्न में फिर बड़ी पारी खेल सकते हैं।ऑस्ट्रेलिया को उनसे सावधान रहना होगा। वह शानदार क्रिकेटर हैं जो इतने साल से भारत के लिए जबर्दस्त खेल रहे हैं। वह भारत के ही नहीं बल्कि दुनिया के सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटरों में से एक हैं।' 

कोहली के साथ ही भारतीय टीम के लिए भी एमसीजी टेस्ट में ‘भाग्यशाली' मैदान रहा है। इसी मैदान पर 1978 में भारत ने 30 दिसंबर 1977 से चार जनवरी 1978 के बीच खेले गए तीसरे टेस्ट में पहली बार ऑस्ट्रेलियाई सरजमीं पर 222 रन से जीत दर्ज की थी और भागवत चंद्रशेखर ने उस मैच में 12 विकेट लिए थे। श्रृंखला जीतने के लिए भारत को 71 साल इंतजार करना पड़ा और कोहली की कप्तानी में 2018-19 में भारत ने ऑस्ट्रेलिया में पहली बार टेस्ट श्रृंखला जीती थी।