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लंदन : जो रूट ने स्वीकार किया है कि इंग्लैंड की टेस्ट कप्तानी ने उनका जीवन छीन लिया और जब उन्हें लगा कि यह उनके पारिवारिक जीवन को प्रभावित कर रहा है तो उन्होंने पद से इस्तीफा देने का फैसला किया। 16 अप्रैल को रूट ने 64 मैचों में टीम का नेतृत्व करने के बाद इंग्लैंड के टेस्ट कप्तान के रूप में पद छोड़ दिया था। रूट ने 64 टेस्ट में 27 में जीत दर्ज की, जोकि बतौर इंगलैंड कप्तान सर्वश्रेष्ठ रिकॉर्ड है। एशेज में 4-0 और वेस्टइंडीज से 1-0 से हार के बाद रूट के इस्तीफे की मांग बढ़ गई थी। रूट ने इस्तीफा दिया तो इंगलैंड क्रिकेट प्रबंधन ने बेन स्टोक्स को कप्तानी सौंप दी। 

 

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जो रूट ने एक इंटरव्यू में कहा- पिछले कुछ वर्षों में इसने वास्तव में मेरे जीवन को चूस लिया है। या कहें कि इसने अपना टोल लिया है। इस दौरान मैं विभिन्न सीरीज पर रहता था। मैं स्विच ऑफ नहीं कर पा रहा था या कहें अपने परिवार के साथ रह नहीं पा रहा था। मुझे लगता है कि कभी-कभी आपको यह समझने के लिए काफी बड़ा होना पड़ता है कि यह आगे बढऩे का समय है और किसी और के लिए उस महान सम्मान को लेने का समय है।

रूट ने कहा- वहां (वेस्टइंडीज में) मैं चीजों को बदलने के लिए बेताब था। मैंने बेन से व्यक्तिगत रूप से बात की। वह सबसे करीबी दोस्त है। मैंने अपने परिवार से बात की। इसके बाद उसे कप्तानी सौंपने का फैसला लिया गया। यहां राहत भरा फैसला था। बता दें कि टेस्ट कप्तानी के मोर्चे पर परेशानियों के बावजूद रूट ने 2021 में बल्ले से रिकॉर्ड रन बरसाए। उन्होंने छह शतकों सहित 15 मैचों में 1708 रन बनाए। वह पाकिस्तान के मोहम्मद यूसुफ और वेस्टइंडीज के सर विवियन रिचड्र्स के बाद एक कैलेंडर वर्ष में टेस्ट क्रिकेट में 1700 से अधिक रन बनाने वाले केवल तीसरे खिलाड़ी हैं। 

 

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रूट ने खुलासा किया कि यह इंग्लैंड के लिए बल्लेबाजी ही थी जिसने उन्हें बाकी परेशानियों को भूलने में मदद की। रूट बोले- यह मेरा शांत समय था। आपको गेंद को देखने के अलावा किसी और चीज के बारे में सोचने की जरूरत नहीं है। मैं जितनी देर वहां रहा उतना ही शांतिपूर्ण रहा।