लंदन : भारत और इंग्लैंड के बीच मौजूदा टेस्ट श्रृंखला के दौरान आलोचना का सामना कर रहे ‘ड्यूक्स' गेंद की निर्माता कंपनी ने शुक्रवार को कहा कि वह गेंद के जल्दी ‘नरम (खराब)' होने की गहन समीक्षा करेंगे। भारतीय कप्तान शुभमन गिल और इंग्लैंड के पूर्व तेज गेंदबाज स्टुअर्ट ब्रॉड की आलोचना के बाद इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ECB) इस्तेमाल की गई ज्यादा से ज्यादा गेंदों को इस सप्ताह के आखिर तक ड्यूक्स गेंद बनाने वाली कंपनी को लौटा देगा।
ड्यूक्स का निर्माण करने वाली ‘ब्रिटिश क्रिकेट बॉल्स लिमिटेड' के मालिक दिलीप जाजोदिया ने कहा, ‘हम इन (इस्तेमाल हुई) गेंदों को ले जाएंगे, निरीक्षण करेंगे और फिर इसके निर्माण से जुड़े लोगों से बातचीत करेंगे। हम इस मामले में जो भी जरूरी होगा वह कदम उठाएंगे।' उन्होंने कहा, ‘समीक्षा में अगर हमें लगेगा कि कुछ बदलाव करने की जरूरत है, तो हम करेंगे।'
पांच मैचों की मौजूदा श्रृंखला के दौरान मैदानी अंपायरों को नियमित रूप से गेंदों को बदलना पड़ा क्योंकि वे जल्दी नरम हो जा रही थीं। गेंद लगभग 30 ओवर के इस्तेमाल के बाद ही खराब हो जा रही थी। इस पूरी प्रक्रिया के कारण मैचों के दौरान विलंब भी हुआ। टेस्ट श्रृंखला के लिए इस्तेमाल होने वाली गेंद का निर्णय मेजबान बोर्ड करता है। इंग्लैंड में ड्यूक्स गेंद का उपयोग किया जाता है तो वहीं भारत में टेस्ट मैच एसजी गेंद से खेले जाते हैं। ऑस्ट्रेलिया में कूकाबूरा का उपयोग होता है।
ड्यूक्स गेंद का उत्पादन 1760 से हो रहा है लेकिन हाल के वर्षों में टेस्ट और काउंटी क्रिकेट में उसे आलोचना का सामना करना पड़ा है। लॉर्ड्स टेस्ट के दौरान शुभमन गिल उस गेंद से नाखुश थे जो उन्हें अंपायरों द्वारा दी गई थी। इस दूसरी नई गेंद को मैच के दूसरे दिन सुबह के पहले घंटे में बदलना पड़ा था। जसप्रीत बुमराह ने मूल गेंद से कम ओवरों में तीन विकेट लिए थे लेकिन गेंद में बदलाव के बाद भारतीय गेंदबाज पहले सत्र के बाकी समय में एक भी विकेट नहीं ले पाए। इंग्लैंड पांच मैचों की श्रृंखला में 2-1 से आगे है।