दुबई : भारतीय क्रिकेट कप्तान रोहित शर्मा को व्हाइट-बॉल क्रिकेट का क्लच परफॉर्मर कहें तो कुछ गलत नहीं होगा। दुबई का मैदान वैसे भी उनका खूब भाता है। जहां रोहित ने जितने भी फाइनल खेले हैं उसमें उनका बल्ला खूब चला है। और हर बार वह अपनी टीम को बादशाहों की तरह जीत दिलाकर रहते हैं। बीते दिनों रोहित ने आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 फाइनल में 76 रन बनाकर भारत को यादगार जीत दिलाई। इससे पहले वह एशिया कप 2018 का फाइनल और मुंबई इंडियंस को आईपीएल 2020 खिताब भी इसी मैदान पर दिला चुके हैं।

एशिया कप 2018 : (48 रन)
बांग्लादेश के खिलाफ एशिया कप 2018 के फाइनल में रोहित ने 55 गेंदों पर 48 रन बनाए और भारत के सफल लक्ष्य का पीछा करने की नींव रखी। दबाव में उनकी शांत और संयमित बल्लेबाजी ने सुनिश्चित किया कि भारत ट्रॉफी उठाए। बांग्लादेश ने पहले खेलते हुए लिटन दास के शतक तो सौम्य सरकार ने 33 रन बनाकर स्कोर 222 तक पहुंचाया। रोहित के बाद दिनेश कार्तिक, महेंद्र सिंह धोनी, केदार यादव ने संक्षिप्त पारी खेलकर टीम को जीत दिला दी।

आईपीएल 2020 : (68 रन)
रोहित ने मुंबई इंडियंस के कप्तान के रूप में दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ आईपीएल फाइनल में शानदार प्रदर्शन किया। 51 गेंदों पर 68 रन बनाकर उन्होंने दिल्ली द्वारा दिया गया 157 रन का लक्ष्य आसान कर दिया। यह मुंबई का 5वां आईपीएल खिताब रहा। दिल्ली ने पहले खेलते हुए श्रेयस अय्यर के 65 तो ऋषभ पंत के 56 रन की मदद से 156 रन बनाए थे। जवाब में मुंबई को रोहित के अलावा ईशान किशन ने 33 रन बनाकर टीम को जीत दिला दी।

चैंपियंस ट्रॉफी 2025 : (76 रन)
रोहित की दुबई गाथा का सबसे हालिया अध्याय चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के फाइनल में सामने आया, जहां उन्होंने 83 गेंदों पर 76 रन बनाकर विपक्षी गेंदबाजी आक्रमण को तहस-नहस कर दिया। न्यूजीलैंड ने पहले खेलते हुए 251 रन बनाए थे। डिरेल मिचेल 63 तो माइकल ब्रेसवेल ने 53 रन बनाए थे। जवाब में रोहित ने टीम इंडिया को क्लासिकल स्ट्रोकप्ले से तेज शुरूआत दी। इसके बाद श्रेयस अय्यर ने 48 तो केएल राहुल ने 34 रन बनाकर टीम को जीत दिला दी।
दुबई की परिस्थितियां रोहित शर्मा को भाती हैं जहां पिचें अक्सर ऐसे बल्लेबाजों के अनुकूल होती हैं जो समय और शक्ति का संतुलन बना सकते हैं। पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर ने कहा कि रोहित की खेल की स्थिति को समझने और अपनी पारी को गति देने की क्षमता बेजोड़ है। दुबई में, जहां फाइनल का दबाव भारी हो सकता है, वह जिस स्पष्टता के साथ खेलता है वह वास्तव में उल्लेखनीय है।