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दुबई : फॉर्म में चल रहे भारतीय स्पिनरों और न्यूजीलैंड के धाकड़ बल्लेबाज केन विलियमसन के मुकाबले पर भी चैम्पियंस ट्रॉफी फाइनल में सभी की नजरें होंगी और यह मैच का निर्णायक पहलू भी साबित हो सकता है। न्यूजीलैंड ने आखिरी बार आईसीसी नॉकआउट ट्रॉफी वर्ष 2000 में जीती थी जब भारत को चार विकेट से हराया था। इसके बाद से आईसीसी 50 ओवरों के खिताब के लिये टीम इंतजार कर रही है। 

दूसरी ओर भारत ने 2013 के बाद से चैम्पियंस ट्रॉफी नहीं जीती है और इस मैच में टीम फिर चार स्पिनर उतार सकती है। फाइनल मैच दुबई अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम की उसी पिच पर खेला जायेगा जिस पर पाकिस्तान के खिलाफ मैच हुआ था। उसमें स्पिनरों को काफी मदद मिली थी। ऐसे में हालात के अनुकूल ढलने का विलियमसन का कौशल और तकनीकी महारत न्यूजीलैंड के लिये अहम होगी। भारत के खिलाफ आखिरी ग्रुप मैच में 81 रन बनाकर वह इसे फिर साबित कर ही चुके हैं। 

न्यूजीलैंड के कोच गैरी स्टीड का मानना है कि भारत का चौतरफा स्पिन आक्रमण चुनौतीपूर्ण होगा। उन्होंने कहा, ‘हमारे खिलाफ शायद वह इसी रणनीति को अपनाएंगे लेकिन हमारे पास भी चार स्पिनर हैं। हमारी टीम संतुलित है लेकिन चौतरफा स्पिन आक्रमण चुनौतीपूर्ण होगा। उनके पास बेहतरीन स्पिनर हैं।' 

उन्होंने कहा, ‘हमें हालात के अनुरूप ढलना होगा और हमारे सभी बल्लेबाज अपनी रणनीति बनाकर भारतीय स्पिनरों के सामने उतरेंगे।' भारत के वरूण चक्रवर्ती के पास विविधता है जिसमें लेग ब्रेक और सीम लेती गेंदें शामिल हैं। उन्होंने मिचेल सेंटनेर को 113 किमी की रफ्तार वाली गेंद पर आउट किया था। ऐसे में स्टीड की रणनीति का अहम हिस्सा विलियमसन होंगे जिन्होंने वनडे क्रिकेट में स्पिनरों के खिलाफ 47 की औसत से 2952 रन बनाये हैं। 

स्टीड ने कहा, ‘वह बड़े मैचों का खिलाड़ी है और कई बार न्यूजीलैंड के लिए बेहतरीन प्रदर्शन कर चुका है। क्रिकेट के खेल में रनों की गारंटी नहीं होती लेकिन मुझे पता है कि केन रन बनाने की पूरी कोशिश करेगा। वह दुनिया के चुनिंदा क्रिकेटरों में से है जिनमें विभिन्न पिचों के अनुरूप ढलने की कमाल की काबिलियत है।'