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नई दिल्ली : विराट कोहली को वनडे टीम की कप्तानी से हटाए जाने के बाद यह समझ लेना चाहिए कि भारतीय टीम की कप्तानी हमेशा से अनिश्चित काल के लिए रहती है। जब आप इस पद पर होते हैं तो सारी ताक़त आपके पास होती हैं लेकिन यह बात भी सच है कि आपको कभी भी इस पद से हटाया जा सकता है। भारत ने आंकड़ों के अनुसार अपने सबसे सफल वनडे कप्तान को कप्तानी से हटाया है।

33 वर्षीय कप्तान को जिसने तीन महीने पहले टी20 अंतररष्ट्रीय टीम की कप्तानी छोड़ने के बाद वनडे और टेस्ट में कप्तानी जारी रखने की इच्छा ज़ाहिर की थी। और तो और यह बदलाव लंबे समय के भविष्य को ध्यान में रखकर नहीं किया गया है क्योंकि नया कप्तान पुराने कप्तान से डेढ़ साल बड़ा है। भारत में इससे पहले कब इस उम्र के क्रिकेटर को कप्तानी सौंपी गई थी। अनिल कुंबले को 37 साल की उम्र में कप्तानी दी गई थी। वैसे वह फ़ैसला भी दीर्घकालिक नहीं था लेकिन उसके पीछे कई ताकिर्क कारण भी थे। राहुल द्रविड़ के इस्तीफ़े के बाद यह नियुक्ति ज़रूरी हो गई थी और एमएस धोनी छोटे फ़ॉर्मेट के क्रिकेट में कप्तानी कर रहे थे। 

एक बात तय है कि अब जो हो रहा है वह भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) द्वारा किया गया है। भारतीय क्रिकेट में कप्तानी में किसी भी बदलाव की पुष्टि बोर्ड अध्यक्ष द्वारा की जानी चाहिए। तो अभी चयनकर्ता और बीसीसीआई अध्यक्ष स्पष्ट रूप से मानते हैं कि भारतीय क्रिकेट में पिछले कप्तान, जिसके तहत भारत ने हर दो मैच में हार की तुलना में पांच मैच जीते हैं और जिसके नेतृत्व में टीम दो आईसीसी टूर्नामेंटों के फाइनल और सेमीफ़ाइनल में गई, से भी एक बेहतर कप्तान है।

यह भी संभव है कि चयनकर्ताओं और बीसीसीआई ने आंकड़ों के परे किसी और तरीक़े का मापदंड तैयार किया हो। टी20 विश्व कप के अलावा सभी टूर्नामेंटों में आप भारतीय टीम के स्तर को ध्यान में रखते हुए उनसे सेमीफ़ाइनल में प्रवेश करने की उम्मीद करते हैं। विराट कोहली की कप्तानी में टीम ने बड़ी आसानी ने नॉकआउट चरण में प्रवेश किया है।

विराट के नेतृत्व में  भारत ने अपने दो सबसे बड़े मैच-विजेताओं को यानि कि दो उंगलियों के स्पिनरों को टीम से बाहर करने का साहसिक कदम उठाया, लेकिन उन्होंने इसमें देर कर दी थी। 2017 चैंपियंस ट्रॉफ़ी में वे एकमात्र ऐसी टीम थी, जिसमें कलाई का स्पिनर नहीं था। इसके लिए कौन जिम्मेदार था, यह कभी पता नहीं चल पाएगा।