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स्पोर्ट्स डेस्क: टोक्यो ओलंपिक में बॉक्सिंग में भी भारतीय उम्मीदों को बड़ा झटका लगा है। भारतीय मुक्केबाज सतीश कुमार (प्लस 91) विश्व चैम्पियन बखोदिर जालोलोव के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन करने के बाद भी हारकर बाहर हो गए हैं। जालोलोव ने उन्हें 5-0 से हाराया। इसी हार के साथ सतीश का टोक्यो ओलंपिक में पदक जीतने का सपना भी टूट गया है। प्री क्वार्टर फाइनल में लगी चोट के कारण वह सात टांके लगवाकर रिंग में उतरे थे। उन्होंने बॉक्सिंग रिंग में चैंपियन जालोलोव को कड़ी दी और उन्हें घायल भी किया। लेकिन बदकिस्मती के चलते सतीश मुकाबला जीतने में कामयाब नहीं हो पाए। 

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सेना के 32 साल के मुक्केबाज ने अपने दाहिने हाथ से पंच भी जड़े। लेकिन उजबेकिस्तान के जालोलोव पूरे मुकाबले में भारतीय मुक्केबाज पर हावी रहे। जब तीसरे दौर का मुकाबला शुरू हुआ तो सतीश के माथे का घाव खुल गया। खून से लथपथ होने के वाबजूद भी उन्होंने मैदान नहीं छोड़ा और लड़ने का फैसला लिया। सतीश ने घायल शेर की तरह अपने प्रतिद्वंदी का सामना किया। जालोलोव ने अपना पहला ओलंपिक पदक सुनिश्चित करने के बाद सतीश की बहादुरी की तारीफ की। उन्होंने कहा कि चोट के बावजूद इस तरह की टक्कर देना काबिले तारीफ है। सतीश ओलंपिक में सुपर हेवीवेट मुकाबले में क्वालीफाई करने वाले भारत के पहले मुक्केबाज थे।

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भारतीय मुक्केबाज सतीश कुमार की इस हार के बाद से पुरुषों की मुक्केबाजी स्पर्धा में भारत की चुनौती भी समाप्त हो गई है।  वहीं महिला वर्ग की बात करें तो लवलीना बोरगोहेन से भारत की उम्मीदें कायम हैं। महिला बॉक्सिंग स्पर्धा में वह भारत का पदक पक्का कर चुकी हैं। अब वह सेमीफाइनल में अपने प्रतिद्वंदी के खिलाफ भिड़ेंगीं। अब देखना होगा कि लवनीना भारत के लिए गोल्ड जीतती हैं या फिर सिल्वर। फिलहाल उन्होंने सेमीफाइनल में पहुंचते ही कांस्य मेडल तो पक्का कर लिया है।