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नई दिल्ली : झटकों से विचलित हुए बिना भारतीय मुक्केबाज नीतू गंघास अपने दमखम और कौशल पर मेहनत करते हुए इस साल विश्व चैम्पियनशिप और 2028 लॉस एंजिलिस ओलंपिक की तैयारी कर रही हैं। नीतू ने 48 किलो वर्ग में शानदार प्रदर्शन किया है लेकिन यह श्रेणी ओलंपिक में शामिल नहीं है। उसने 2022 राष्ट्रमंडल खेल और 2023 विश्व चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीता। 

निकहत जरीन ने 50 किलो वर्ग में अपनी स्थिति मजबूत कर ली है जिससे नीतू को 54 किलो में जाना पड़ा। वह हालांकि नये वर्ग में एशियाई खेलों (पहले ओलंपिक क्वालीफायर) की टीम में जगह नहीं बना सकी चूंकि प्रीति पंवार का स्कोर बेहतर था। प्रीति ने एशियाई खेलों से ही पेरिस ओलंपिक का कोटा हासिल किया। 

नीतू ने भारतीय खेल प्राधिकरण के ‘फिट इंडिया चैम्पियंस' पॉडकास्ट में कहा, ‘मैं कदम दर कदम रणनीति बनाऊंगी और 54 किलो वर्ग में मजबूत होने की कोशिश करूंगी।' उन्होंने कहा, ‘मेरा लक्ष्य कजाखस्तान में अक्टूबर में होने वाली विश्व चैम्पियनशिप और लॉस एंजिलिस ओलंपिक 2028 भी है। बचपन से मैं हमेशा जीतना चाहती रही हूं। मैने कई विषमताओं और निराशाओं से निकलकर यहां तक का सफर तय किया है और अब आगे की ओर देख रही हूं।' 

भारत की निकहत जरीन (50 किलो), प्रीति (54 किलो) और लवलीना बोरगोहेन (75 किलो) पेरिस ओलंपिक के लिये क्वालीफाई कर चुकी है। नीतू ने कहा, ‘मुझे लगता है कि ये तीनों ही पदक जीत सकती हैं। ये सभी जुझारू हैं और इनके पास अपार अनुभव है।' 

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