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नई दिल्ली। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ यहां 186 रन की धैर्यपूर्ण पारी के साथ टेस्ट क्रिकेट में शतक के सूखे को खत्म करने वाले भारत के स्टार बल्लेबाज विराट कोहली ने सोमवार को कहा कि वह उस जगह पर नहीं है कि मैदान पर जाकर किसी को गलत साबित करें। कोहली को अपने 28वें टेस्ट शतक के लिए तीन साल से अधिक समय का इंतजार करना पड़ा। यहां चौथे और अंतिम टेस्ट की पहली पारी में उनके शतक की मदद से भारत ने ऑस्ट्रेलिया के 480 रन के जवाब में 571 रन का स्कोर खड़ा किया। 

मैच का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुने जाने के बाद कोहली ने कहा, ‘‘एक खिलाड़ी के रूप में मेरी स्वयं से जो अपेक्षाएं हैं वे मेरे लिए अधिक महत्वपूर्ण हैं।'' अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 75 शतक जड़ चुके कोहली ने कहा, ‘‘मैं अब उस जगह पर नहीं हूं जहां मैं मैदान पर उतरूं और किसी को गलत साबित करूं। मुझे इसे भी सही ठहराने की जरूरत है कि मैं मैदान पर क्यों हूं।'' उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि टेस्ट क्रिकेट में मैं पिछले कुछ समय में उस लय के साथ नहीं खेल पा रहा था जिसके साथ मैं पिछले 10 वर्षों से खेल रहा हूं। इसलिए मैं यही एक चीज करने की कोशिश कर रहा था। मुझे लगा जैसे कि मैं नागपुर में पहली पारी से काफी अच्छी बल्लेबाजी कर रहा हूं।'' 

कोहली ने स्वीकार किया कि वह टेस्ट प्रारूप में स्वयं को दोहरा नहीं पा रहे थे इसलिए उन्हें अधिक मेहनत करनी पड़ी। कोहली ने 186 की अपनी पारी में 364 गेंद का सामना किया और बाउंड्री से केवल 60 रन बनाए। यह एक सोची समझी रणनीति थी क्योंकि श्रेयस अय्यर के पीठ की चोट के कारण बाहर होने के बाद भारत के पास एक बल्लेबाज कम था। कोहली ने कहा, ‘‘हमने श्रेयस को चोट के कारण खो दिया और एक बल्लेबाज कम था इसलिए हमने अधिक समय लेने का फैसला किया। हमारी नजरें लंबे समय तक बल्लेबाजी करने पर टिकी थी।'' उन्होंने कहा, ‘‘हम टीम के लिए जितना संभव हो उतने लंबे समय तक बल्लेबाजी पर ध्यान केंद्रित करते हैं। मैंने कुछ समय के लिए ऐसा किया लेकिन उस क्षमता के साथ नहीं जैसे मैं अतीत में करता रहा हूं।'' कोहली ने कहा, ‘‘उस नजरिए से मैं निराश था लेकिन विश्वास था कि मैं अच्छा खेल रहा हूं और अगर मुझे एक अच्छे विकेट पर मौका मिला तो मैं एक बड़ा स्कोर बना सकता हूं।''