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स्पोर्ट्स डेस्क : भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने टीवी की तुलना में डिजिटल अधिकारों के लिए उच्च आधार मूल्य निर्धारित किया है। आगामी मीडिया अधिकार चक्र के लिए कुल आधार मूल्य को घटाकर 45 करोड़ रुपए प्रति मैच कर दिया है जबकि डिज्नी+ हॉटस्टार ने हाल ही में समाप्त हुए चक्र में प्रति मैच 61 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है। 

क्रिकेट में डिजिटल अधिकारों का आधार मूल्य अतीत में कभी भी टीवी अधिकारों से अधिक नहीं रहा है। बुधवार को बीसीसीआई द्वारा जारी टेंडर के अनुसार बोर्ड ने पैकेज ए के लिए प्रति मैच 20 करोड़ रुपए का आधार मूल्य निर्धारित किया है, जिसमें भारतीय उपमहाद्वीप के टीवी अधिकार शामिल हैं। पैकेज बी में वैश्विक डिजिटल अधिकार और शेष विश्व टीवी अधिकार शामिल हैं, जिसका आधार मूल्य 25 करोड़ रुपए प्रति मैच है। 

भारत के लिए इंडियन प्रीमियर लीग टीवी और डिजिटल अधिकारों का आधार मूल्य क्रमशः 49 करोड़ रुपए और 33 करोड़ रुपये प्रति मैच था। चुनिंदा आईपीएल मैचों वाले विशेष डिजिटल अधिकार पैकेज में प्रति मैच 16 करोड़ रुपए का आधार मूल्य रखा गया था। उद्योग विशेषज्ञों ने कहा कि कुछ मीडिया कंपनियों के सामने आने वाली चुनौतियों को देखते हुए, बाजार में सभी प्रमुख खिलाड़ियों की अधिकतम भागीदारी की अनुमति देने के लिए आधार मूल्य कम कर दिया गया है। 

ई-नीलामी 31 अगस्त को शुरू होगी जिसमें डिजनी+ हॉटस्टार, वायाकॉम 18 और सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया के बीच टीवी और डिजिटल दोनों अधिकारों के लिए प्रतिस्पर्धा होने की उम्मीद है। मीडिया अधिकार निविदा पांच साल (2023-28) के लिए जारी की गई है जिसमें 88 मैच शामिल हैं। प्रति मैच 45 करोड़ रुपए के हिसाब से कुल बेस प्राइस 3,960 करोड़ रुपए बैठता है। 

आधार मूल्य कम करते हुए बीसीसीआई ने प्रति मैच 60 करोड़ रुपए या 88 मैचों के लिए 5,280 करोड़ रुपए की सीमा तय की है। यदि बोलियां प्रति मैच 60 करोड़ रुपए से कम होती हैं, तो बीसीसीआई बोली प्रक्रिया को रद्द करने का अधिकार सुरक्षित रखता है। डिजनी ने 2018-23 मीडिया अधिकार चक्र के लिए 6,138 करोड़ रुपए का भुगतान किया था। मीडिया अधिकारों की नीलामी ऐसे समय में हो रही है जब सोनी और जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज अपने व्यवसायों का विलय करने की प्रक्रिया में हैं और वॉल्ट डिजनी अपने भारतीय व्यवसाय, डिजनी स्टार की बिक्री पर विचार कर रहा है। 

विशेषज्ञों का मानना है कि भारतीय क्रिकेट के लिए डिजिटल अधिकारों का मूल्य टीवी अधिकारों से काफी बड़े अंतर से आगे निकल जाएगा, आईपीएल के विपरीत जहां अंतर मामूली है। मीडिया पार्टनर्स एशिया के उपाध्यक्ष मिहिर शाह ने कहा, 'पिछले साल आईपीएल के लिए डिजिटल अधिकार टेलीविजन से थोड़ा अधिक महंगे बिके थे। तब से डिजिटल प्रतिस्पर्धा तेज हो गई है, जबकि टेलीविजन में और अधिक मजबूती आई है। बदलते दौर को देखते हुए आगामी बीसीसीआई नीलामी में डिजिटल मूल्य व्यापक अंतर के साथ टेलीविजन से आगे निकल सकता है।' 

डिज़्नी स्टार और वायाकॉम18 ने 2027 तक आईपीएल के टीवी और डिजिटल अधिकार क्रमशः 23,575 करोड़ रुपए और 23,758 करोड़ रुपए में खरीदे। उनकी बोलियों के बीच का अंतर केवल 183 करोड़ रुपए है। एक मीडिया कंपनी के शीर्ष अधिकारी ने कहा कि आधार मूल्य में कमी का मतलब यह नहीं है कि कुल मूल्य में गिरावट आएगी। अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर एक मीडिया हाउस से कहा, 'बीसीसीआई द्वारा निर्धारित प्रति मैच 60 करोड़ रुपए की सीमा आसानी से प्राप्त की जा सकती है। बीसीसीआई के मीडिया अधिकारों का मूल्य आसानी से 9,000 करोड़ रुपए से 10,000 करोड़ रुपए तक पहुंच सकता है, जो प्रति मैच 100 करोड़ रुपए से अधिक है।' 

एक अन्य मीडिया कंपनी के खेल प्रसारण प्रमुख ने कहा कि प्रति मैच 45 करोड़ रुपए से अधिक कुछ भी अव्यवहारिक है। कार्यकारी ने कहा, 'आदर्श रूप से मीडिया अधिकारों के लिए संयुक्त बोली आधार मूल्य से अधिक नहीं होनी चाहिए क्योंकि द्विपक्षीय मैच उच्च कीमत पर व्यवहार्य नहीं हैं।' अधिकारी ने यह भी कहा कि मीडिया कंपनियां टीवी अधिकारों के लिए तभी बोली लगाएंगी जब वे डिजिटल अधिकार प्राप्त करने के बारे में भी आश्वस्त हों। उन्होंने कहा, 'आईपीएल के दौरान जो कुछ हुआ, उसकी पुनरावृत्ति कोई नहीं चाहता, जब अधिकारों में बंटवारे के कारण मोनिटाइजेशन प्रभावित हुआ।'