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नई दिल्ली : भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) एक ऐसी नीति लाने पर विचार कर रहा है जो खिलाड़ियों को उचित कारण के बिना आईपीएल से बाहर होने से रोकेगी। बीसीसीआई ने यह कदम कुछ फ्रेंचाइजियों के इस संबंध में चिंता व्यक्त करने के बाद उठाया है। रिपोर्ट के मुताबिक आईपीएल की गवर्निंग काउंसिल (जीसी) की हालिया बैठक में सदस्यों के बीच नीलामी में कम कीमत पर खरीदे जाने के बाद खिलाड़ियों द्वारा टूर्नामेंट से नाम वापस लेने की प्रवृत्ति (ट्रेंड) को रोकने के तरीकों पर बहस हुई थी।

जीसी के सदस्यों ने कहा था कि जीसी की फ्रेंचाइजियों के प्रति प्रतिबद्धता है जो लीग के महत्वपूर्ण हितधारक हैं। वे काफी प्लानिंग के बाद एक खिलाड़ी के लिए बोली लगाते हैं, ऐसे में अगर कोई खिलाड़ी छोटे-छोटे कारणों से नाम वापस ले लेता है तो उनकी कैल्क्यूलेशन बिगड़ जाती है। इस जानकारी से अवगत एक सूत्र ने कहा कि ऐसी व्यापक नीति नहीं होगी कि आईपीएल से बाहर होने वाले सभी खिलाड़ियों को निश्चित वर्षों के लिए आईपीएल में आने से रोका जाएगा। इसे एक-एक मामले के हिसाब से लिया जाएगा और कारर्वाई शुरू होने से पहले कुछ शोध किया जाएगा, ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या कारण सच में वास्तविक है या नहीं।

आम तौर पर चोट या अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं को स्वीकार्य कारण माना जाता है, लेकिन हाल ही में कई खिलाड़ी अन्य कारणों से भी बाहर हुए हैं। उल्लेखनीय है कि इंग्लैंड एवं गुजरात टाइटंस के खिलाड़ी जेसन रॉय ने हाल ही में एक बयान में कहा था कि वह परिवार के साथ क्वालिटी टाइम बिताना चाहते हैं और अपने खेल पर काम करना चाहते हैं, इसलिए आईपीएल से नाम वापस ले रहे हैं। उल्लेखनीय है कि गुजरात ने उन्हें उनके आधार मूल्य दो करोड़ रुपए में खरीदा था। 

वहीं एलेक्स हेल्स, जिन्हें कोलकाता नाइट राइडर्स द्वारा उनके आधार मूल्य 1.5 करोड़ रुपए में खरीदा गया था। उन्होंने कहा था कि उन्हें खुद को रिचार्ज करने के लिए समय चाहिए। उन्होंने बायो-बबल थकान का भी हवाला दिया था। वैसे देखा जाए तो आईपीएल में खिलाड़ियों का बाहर होना कोई नई बात नहीं है। ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज मिचेल स्टार्क ने अतीत में कई बार ऐसा किया है। उन्हें रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु और कोलकाता नाइट राइडर्स द्वारा विभिन्न नीलामियों में चुना गया था। लेकिन वह खेलने के लिए उपलब्ध नहीं हुए थे, हालांकि उन्होंने बायो-बबल थकान का हवाला देते हुए 2022 की मेगा नीलामी के लिए पंजीकरण नहीं कराया था।