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नई दिल्लीः फिक्सिंग का दायरा क्रिकेट में बढ़ता जा रहा है। इसी कारण आईसीसी ने क्रिकेट को बदनाम करने वाले खिलाड़ियों पर लगाम कसने के लिए कुछ नए नियम भी लागू किए। आईपीएल मैचों में भी फिक्सिंग का छाया देखने को मिला, जिसका परिणाम कई खिलाड़ियों को फंसने के बाद भुगतना भी पड़ा। आईपीएल में फिक्सिंग की जांच कर रहे बीबी मिश्रा ने अब नए खुलासे किए हैं। 

मिश्रा के मुताबिक, एक शीर्ष भारतीय क्रिकेटर 2008-09 सत्र में अंतरराष्ट्रीय मैच के दौरान एक बुकी के संपर्क में था। बाद में इसी क्रिकेटर ने 2011 में वर्ल्ड कप भी खेला। दोनों के बीच हुई बातचीत भी रिकॉर्ड की गई थी। एक अंग्रेजी अखबार से बातचीत करते हुए मिश्रा ने कहा कि बुकी सबूत देने के लिए तैयार था, लेकिन बाद में पीछे हट गया जिससे मामला ठंडा पड़ गया।

मामले को नहीं कर सके उजागर
उन्होंने कहा कि वह इस मामले को इसलिए उजागर नहीं कर सके क्योंकि उनके पास समय नहीं था। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट को रिपोर्ट जमा करने के लिए अपनी अंतिम तारीख से पहले बुकी से बात की। हालांकि यह उनके जांच का हिस्सा नहीं था। 2008-09 में खिलाड़ी और बुकी के बीच हुई बातचीत को लेकर मिश्रा ने कहा, "यह भारत में खेले गए अंतरराष्ट्रीय मैच से जुड़ी एक घटना है, लेकिन मैं उसके निष्कर्ष तक नहीं पहुंच सका। दोनों के बीच मैच से पहले बात हुई थी।" मिश्रा ने खिलाड़ी की पहचान को बताने से इनकार कर दिया। 
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आरोप 1 पर नहीं बल्कि 9 खिलाड़ियों पर लगे थे 
मिश्रा ने अपने विशेषाधिकार के बारे में बताया, 'मुझे पूर्व बीसीसीआई अध्यक्ष एन श्रीनिवासन, गुरुनाथ मयप्पन, राज कुंद्रा और सुंदर रमन पर लगे आरोपों की जांच करनी थी। मेरे ख्याल से यह बहुत ही केंद्रित और इन चार पर ध्यान देने वाली बात थी। 9 खिलाड़ियों पर लगे आरोपों पर भी ध्यान देना था।' मिश्रा ने कहा, '9 खिलाड़ियों के खिलाफ कई आरोप लगे थे, सिर्फ एक पर नहीं। हमने दोनों की जांच की। सिर्फ चार अधिकारियों के खिलाफ की गई जांच को सार्वजनिक किया गया। पिछले सप्ताह सुप्रीम कोर्ट ने आईपीएल भ्रष्टाचार मामले पर अपना फैसला दिया, जिसमें मिश्रा की खिलाड़ियों पर जांच भी कोर्ट में रहीं।'