Sports

हांगझोउ : भारतीय पुरुष कबड्डी टीम ने शनिवार को यहां एक विवादास्पद फाइनल में अंपायर, खिलाड़ियों और टीम अधिकारियों के बीच लगभग एक घंटे की बहस के बाद गत चैंपियन ईरान को 33-29 से हराकर एशियाई खेलों का खिताब दोबारा हासिल किया। मैच के आखिरी मिनटों में अंकों को लेकर हुए विवाद के बाद इसे अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया था। इससे पहले महिला टीम ने नाटकीय फाइनल में चीनी ताइपै को 26-25 से हराकर देश के लिए 100वां पदक जीता। 

पुरुषों के फाइनल मुकाबले में जब एक मिनट और पांच सेकंड का खेल बचा था तब दोनों टीमों का स्कोर 28-28 से बराबर था। लेकिन आखिरी मिनट में विवाद तब खड़ा हो गया जब भारतीय कप्तान पवन सहरावत करो या मरो वाली रेड के लिए उतरे। सहरावत किसी खिलाड़ी को छुए बिना लॉबी में (सीमा से बाहर) चले गए। इस दौरान ईरान के अमीरहोसैन बस्तामी और तीन अन्य रक्षक उन्हें बाहर धकेलने की कोशिश की जिसके बाद अंक को लेकर विवाद हो गया। यह स्पष्ट नहीं था कि सहरावत से सफलतापूर्वक निपटा गया था या नहीं और यह भी भ्रम था कि कौन सा नियम लागू किया जाए - पुराना या नया। 

नए नियम के अनुसार, सहरावत बाहर थे लेकिन पुराने नियम के अनुसार सहरावत और उनके पीछे आने वाले ईरान के सभी खिलाड़ियों को भी खेल से बाहर माना गया। इस नियम से भारत को चार अंक और ईरान को एक अंक मिला भारत और ईरान के पक्ष में फैसला सुनाने के बीच अधिकारियों की खींचतान के बीच अभूतपूर्व परिदृश्य में जब फैसला उनके खिलाफ गया तो दोनों टीम के खिलाड़ी विरोध में कोर्ट पर बैठ गए। दोनों पक्षों द्वारा काफी विचार-विमर्श, चर्चा और बहस के बाद मैच को निलंबित कर दिया गया। अधिकारियों ने बाद में भारत के पक्ष में फैसला सुनाया और स्कोरलाइन 32-29 हो गई। 

इन खेलों में लगातार सात स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय पुरुष टीम को पांच साल पहले जकार्ता में ईरान से सेमीफाइनल में अप्रत्याशित हार का सामना करना पड़ा था। ईरान मैच की शुरुआत में 10-6 के स्कोर के साथ बेहतर टीम दिख रही थी। भारतीयों ने रोमांचक वापसी करते हुए दो ऑलआउट के बाद हाफ टाइम तक 17-13 की बढ़त बना ली। मध्यांतर के बाद भारतीय टीम ने अपनी बढ़त को 24-19 किया लेकिन ईरान ने शानदार वापसी करते हुए भारत को ‘ऑलआउट' करने के बाद स्कोर 25-25 से बराबर कर दिया। इससे पहले भारतीय महिला टीम को चीनी ताइपै ने बेहद कड़ी टक्कर दी। दोनों टीमें ग्रुप चरण में 34-34 से बराबरी पर थी और दोनों को पता था कि फाइनल आसान नहीं होगा। 

एशियाई खेलों में 2010 में कबड्डी को शामिल किए जाने के बाद महिला कबड्डी का यह तीसरा स्वर्ण पदक था। भारत ने 2010 और 2014 में स्वर्ण जीता था लेकिन 2018 फाइनल में ईरान से हार गई। भारत ने हाफ टाइम तक 14-9 से बढ़त बना ली थी। पूजा ने कई अंक बनाए। ब्रेक के बाद भारत की बढ़त 16- 14 रह गई और पांच मिनट बाकी रहते स्कोर 19-17 था तब चीनी ताइपै ने एक वीडियो रेफरल लिया और कामयाब रही। इसके बाद चीनी ताइपै ने चार अंक बनाये और 21-19 की बढ़त बना ली। पूजा ने एक अंक लेकर अंतर 20-21 कर लिया। 

इसके बाद कप्तान रितु नेगी ने रेड के लिये पुष्पा की बजाय पूजा को भेजा जिसने दो अंक बनाए। एक मिनट बाकी रहते रेडर पुष्पा ने एक अंक बनाया जिस पर चीनी ताइपै का रिव्यू नाकाम रहा। कप्तान रितु नेगी ने कहा, ‘हमने 2018 में फाइनल हारने के बाद काफी मेहनत की। पांच साल तक इंतजार किया और कड़ी मेहनत रंग लाई।'