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नई दिल्ली : पेरिस में ओलंपिक खेलों के खेल गांव में अनुशासनात्मक उल्लंघन के कारण विवादों में घिरी भारतीय पहलवान अंतिम पंघाल शुक्रवार को स्वदेश लौट आईं। यह पहलवान गुरुवार को तब चर्चा में आ गई थी जब उन्होंने अपने मान्यता कार्ड पर अपनी बहन को खेल गांव में प्रवेश करवाने की कोशिश की थी और बाद में पुलिस ने उन्हें बुलाया। इस घटना ने देश को शर्मसार किया और भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने अंतिम और उनके सहयोगी स्टाफ को तुरंत ही स्वदेश वापस भेजने का फैसला किया। 

विश्व चैंपियनशिप की कांस्य पदक विजेता अंतिम ने हालांकि कहा कि उनका कुछ भी गलत करने का इरादा नहीं था लेकिन खेल गांव के नियमों का उल्लंघन करने के लिए उन पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है। भारतीय टीम की जर्सी पहनकर यहां इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचने वाली अंतिम तुरंत ही बाहर निकल गई और उन्होंने पत्रकारों से बात करने से इनकार कर दिया। अंतिम बुधवार को महिलाओं की कुश्ती के 53 किग्रा भार वर्ग में अपना पहला मुकाबला हारने के बाद ओलंपिक से बाहर हो गई थीं। 

भारत वापस लौटने से पहले 19 वर्षीय अंतिम ने कहा, ‘मेरा कुछ भी गलत करने का इरादा नहीं था। मेरी तबीयत ठीक नहीं थी और भ्रम की स्थिति थी। यह सब भ्रम की वजह से हुआ।' बाद में एक वीडियो में अंतिम ने स्वीकार किया कि उसे पुलिस थाने जाना पड़ा लेकिन केवल अपने मान्यता कार्ड के सत्यापन के लिए। उन्होंने कहा, ‘यह मेरे लिए अच्छा दिन नहीं था। मैं हार गई। मेरे बारे में बहुत कुछ फैलाया जा रहा है, यह सच नहीं है। मुझे तेज बुखार था और मैंने अपनी बहन के साथ होटल जाने के लिए अपने कोच से अनुमति ली थी।' 

अंतिम ने कहा, ‘मुझे अपने कुछ सामान की जरूरत थी जो खेल गांव में था। मेरी बहन ने मेरा कार्ड लिया और वहां अधिकारियों से पूछा कि क्या वह मेरा सामान ले सकती है। वे उसे मान्यता कार्ड के सत्यापन के लिए उसे पुलिस स्टेशन ले गए।' उन्होंने इस बात से भी इनकार किया कि उनके कोच नशे में थे और किराए को लेकर टैक्सी ड्राइवर से उनकी कहासुनी हो गई थी। अंतिम ने कहा, ‘मेरे कोच प्रतियोगिता स्थल पर ही रुक गए थे और जब वे वापस आना चाहते थे तो हमने उनके लिए एक कैब बुक की। मेरे कोच के पास पर्याप्त नकदी नहीं थी और भाषा संबंधी समस्याओं के कारण टैक्सी ड्राइवर से उनकी बहस हो गई।'