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मुंबईः अजिंक्य रहाणे काफी सकारात्मक खिलाड़ी हैं जो हर फैसले में से सकारात्मक चीज ढूंढ लेते हैं भले ही इसमें उनका भारत की सीमित ओवर की टीम से बाहर किया जाना शामिल हो। रहाणे का मानना है कि ब्रिटेन दौरे में सीमित ओवर चरण के लिए उनकी अनदेखी किए जाने से उन्हें एक अगस्त से इंग्लैंड के खिलाफ शुरू हो रही पांच मैचों की टेस्ट मैचों की श्रृंखला की तैयारी के लिए ज्यादा समय मिल जाएगा।            

टेस्ट खेलकर करना चाहेंगे वनडे में वापसी
रहाणे ने सीएट क्रिकेट पुरस्कार समारोह के मौके पर पत्रकारों से कहा, ‘‘ यह महत्वपूर्ण है कि आपको खुद की तैयारी के लिये समय मिल जाये और स्पष्टता बहुत अहम है क्योंकि तब आप जानते हो कि आप वनडे टीम में नहीं हो और आपको सिर्फ इंग्लैंड में टेस्ट मैच ही खेलने हैं। मुझे अफगानिस्तान टेस्ट के लिये काफी समय मिल जायेगा और इसके बाद इंग्लैंड दौरा होगा। ’’ हालांकि अगर वह थोड़े निराश भी होंगे तो वह इस भाव को दर्शाना नहीं चाहते। उन्होंने कहा, ‘‘ नहीं, मैं बिलकुल भी हताश नहीं हूं। सच कहूं तो मैं कह सकता हूं कि यह मेरे लिये प्रेरणादायी है क्योंकि मैं वापसी की कोशिश में जुटा हूं। इस समय मेरा ध्यान टेस्ट क्रिकेट पर लगा है। मेरा अब भी मानना है कि मैं वापसी कर सकता हूं और छोटे प्रारूप में अच्छा कर सकता हूं और विश्व कप (2019) भी आने वाला है। ’’           

वापसी का है पूरा भरोसा
उन्होंने कहा, ‘‘ मैं अब भी खुद पर भरोसा करता हूं। जब भी मुझे मौका मिला , मैंने वनडे क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन किया। वेस्टइंडीज में मुझे (चार अर्धशतकीय पारियां खेलने के लिये) मैन आफ द सीरीज चुना गया। आस्ट्रेलिया के खिलाफ मैंने सचमुच अच्छा किया। दक्षिण अफ्रीका में टीम प्रबंधन ने मुझे चौथे नंबर पर बल्लेबाजी के लिये कहा और मैंने अच्छा किया इसलिये यह सिर्फ समय की बात है। मुझे अब भी भरोसा है कि मैं वापसी करूंगा और अपने देश के लिये छोटे प्रारूप में अच्छा प्रदर्शन करूंगा। ’’ रहाणे को लगता है कि पाकिस्तान ने भले ही इंग्लैंड को पहले टेस्ट में साढ़े तीन दिन में हरा दिया हो लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि भारत के लिये चीजें आसान होंगी।