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नई दिल्ली : विश्व अंडर -20 चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने के साथ इतिहास रचने वाली हिमा दास की अंग्रेजी पर गैरजरूरी टिप्पणी कर भारतीय एथलेटिक्स संघ (एएफआई) सोशल मीडिया पर लोगों के निशाने पर आ गया। हिमा के स्वर्ण पदक जीतने के बाद एएफआई ने ट्विटर पर उनका एक वीडियो डाला , जिसमें वह एक अंग्रेज पत्रकार से बात कर रही हैं। यह वीडियो टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में जीतकर उनके फाइनल में जगह बनाने के बाद का है। हालांकि यह मामला वायरल होते ही एएफआई को अपनी गलती का अहसास हुआ। उन्होंने फौरन ट्विट कर इस गलती के खेद जताया।

एएफआई ने वीडियो के साथ लिखा- आईएएएफ , टेम्पेरे के सेमीफाइनल में जीत के बाद मीडिया से बात करतीं हिमा दास। वह हालांकि धाराप्रवाह अंग्रेजी नहीं बोलतीं , उन्होंने यहां भी अपना सर्वश्रेष्ठ दिया। हिमा दास, आप पर हमें बहुत नाज है, ऐसे ही प्रदर्शन करती रहें और हां फाइनल में अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश करें।’’ प्रशंसकों ने एएफआई की टिप्पणी को असंवेदनशील बताते हुई उसकी कड़ी आलोचना की। एक व्यक्ति ने लिखा- वह (हिमा) टेेम्पेरे में ट्रैक पर अपनी प्रतिभा दिखाने उतरी थीं नाकि अंग्रेजी में। आपने जो कहा, उसपर आपको शर्म आनी चाहिए।
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एक दूसरे ट्विटर यूजर ने लिखा- आईएएएफ ने अंग्रेजी वाक कौशल के लिए उनको प्रतियोगिता में नहीं लिया, भारत में हमारे पास अंग्रेजी के बहुत सारे अच्छे वक्ता हैं लेकिन उनमें से कम ही हिमा की तरह दौड़ सकते हैं। आलोचना के बाद एएफआई ने स्पष्टीकरण दिया।

एएफआई ने हिंदी में लिखे पोस्ट में कहा- सभी भारतवासियों से क्षमा, अगर हमारी एक ट््वीट से आप आहत हुए हैं! असल उद्देश्य यह दर्शाना था कि हमारी धाविका किसी भी कठिनाई से नहीं घबराती , मैदान के अंदर या बाहर! छोटे से गांव से आने के बावजूद , विदेश में अंग्रेजी पत्रकार से बेझिझक बात की ! एक बार फिर उनसे क्षमा, जो नाराज हैं, जय हिन्द!’’
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नौगांव जिले के कांदुलिमारी गांव के किसान परिवार में जन्मी 18 वर्षीय हिमा कल फिनलैंड के टेम्पेर में आईएएएफ विश्व अंडर -20 एथलेटिक्स चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर देशवासियों की आंख का तारा बन गई। वह महिला और पुरूष दोनों वर्गों में ट्रैक स्पर्धाओं में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय भी हैं। वह अब नीरज चोपड़ा के क्लब में शामिल हो गई हैं जिन्होंने 2016 में पोलैंड में आईएएएफ विश्व अंडर -20 चैंपियनशिप में भाला फेंक (फील्ड स्पर्धा) में स्वर्ण पदक जीता था।