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मुंबई : इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) का चर्चित ‘इंपैक्ट प्लेयर' नियम 16 अक्टूबर से शुरु होने वाली सैयद मुश्ताक अली टी20 ट्राफी में इस्तेमाल किया जाएगा। बीसीसीआई (BCCI) की शीर्ष परिषद ने शुक्रवार को इसे मंजूरी दी। ‘इंपैक्ट प्लेयर' नियम पिछले सैयद मुश्ताक अली टी20 ट्राफी में शुरु हुआ था लेकिन खिलाड़ी को 14वें ओवर में या इससे पहले लाना होता था और उसका नाम टॉस से पहले बताना होगा। हालांकि यह अगले सत्र से बदल जाएगा और वैसा ही इस्तेमाल होगा जैसा आईपीएल में होता है। 

टीमों को टॉस से पहले अंतिम एकादश के अलावा 4 स्थानापन्न खिलाड़ियों के नाम तय करने की अनुमति भी दी जाएगी। प्रत्येक टीम इन 4 स्थानापन्न खिलाड़ियों में से केवल एक को ही ‘इंपैक्ट प्लेयर' के तौर पर इस्तेमाल कर सकती है।

 

 

बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट बोर्ड) की शीर्ष परिषद की शुक्रवार को मुंबई में हुई बैठक में इस नियम को मंजूरी दी गई। नियम के एक दिशानिर्देश के अनुसार- दोनों टीमों को प्रत्येक मैच में एक ‘इंपैक्ट प्लेयर' का इस्तेमाल करने की अनुमति होगी। यह हालांकि अनिवार्य नहीं है। 

शीर्ष परिषद ने सितंबर-अक्टूबर में हांगझोउ एशियाई खेलों के लिए पुरुष और महिला टीमों की भागीदारी भी मंजूर कर दी है। पुरुष स्पर्धा 28 सितंबर से शुरु होगी जिसमें दूसरी श्रेणी की भारतीय टीम हिस्सा लेगी जबकि 19 सितंबर से शुरु हो रही महिलाओं की स्पर्धा में मुख्य टीम शिरकत करेगी। 

 

 

क्रिकेट एशियाड इतिहास में केवल तीन बार ही खेला गया है और पिछली बार यह इंचियोन में 2014 में आयोजित हुआ था जिसमें भारत ने हिस्सा नहीं लिया था। यह प्रतियोगिता पांच अक्टूबर से शुरु हो रहे पुरुष वनडे विश्व कप के साथ ही आयोजित हो रही है।


बीसीसीआई ने एक नोट में कहा कि व्यस्त अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम को देखते हुए एशियाई खेलों के लिए टीम उतारना एक चुनौती होगी लेकिन राष्ट्र के लिए खेलना भी महत्वपूर्ण है और चुनौतियों से उबरते हुए दोनों वर्गों में भारतीय टीम खेलेगी। भारत पुरुष और महिला वर्ग दोनों में स्वर्ण पदक जीतने का प्रबल दावेदार है। संन्यास लेने वाले खिलाड़ियों के लिए विदेशी लीग में हिस्सा लेने के लिए ‘कूलिंग ऑफ' कार्यकाल के संबंध में कोई फैसला नहीं लिया जा सका क्योंकि इस पर सर्वसम्मति नहीं बनी।

 

 

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट या आईपीएल से संन्यास लेने के तुरंत बाद विदेशी लीग में खेलने का खिलाड़ियों का चलन बीसीसीआई को पंसद नहीं आया। उम्मीद थी कि बीसीसीआई अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से अलविदा कहने के तुरंत बाद विदेशी लीग में क्रिकेटरों को खेलने से रोकने के लिए एक ‘समयसीमा' निर्धारित करने का नियम बनाएगा।

बीसीसीआई के एक अधिकारी ने कहा कि इस पर कोई फैसला नहीं लिया गया। बीसीसीआई अपने खिलाड़ियों का बचाव करने में सही है जबकि क्रिकेटरों के लिए संन्यास लेने के बाद भारत के बाहर विकल्प तलाशना भी सामान्य है। हमें इसमें संतुलन लाना होगा।