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जोहानसबर्गः विश्व की नंबर एक टेस्ट टीम भारत के कप्तान विराट कोहली दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले दो टेस्ट हारने के बाद वंडरर्स में बुधवार से होने वाले तीसरे और अंतिम टेस्ट में अपने हर खिलाड़ी से गलतियां सुधारने की उम्मीद कर रहे हैं। विराट ने मैच की पूर्व संध्या पर मंगलवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हमने सभी खिलाड़ियों से व्यक्तिगत रूप से बात की है और इस बात पर ध्यान दिया है कि कहां गलती हुई है और उसे कैसे सुधारा जा सकता है। खिलाड़ियों ने भी महसूस किया है कि उनके लिये गलतियों को सुधारना बहुत जरूरी है।

कप्तान ने कहा कि किसी खिलाड़ी विशेष पर जिम्मेदारी नहीं डाली गई है क्योंकि यह एक टीम खेल है। हार में किसी भी खिलाड़ी को व्यक्तिगत तौर पर जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है। यह एक सामूहिक जिम्मेदारी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हमने पहले दो टेस्टों में मिले मौकों का फायदा नहीं उठाया तभी हम 0-2 से पीछे हैं। हमारे सभी खिलाड़यिों ने इस बारे में सोचा है कि अपनी गलतियों को सुधारा जाए।  29 वर्षीय बल्लेबाज ने हर मैच को हर खिलाड़ी के लिये एक सबक बताते हुए कहा कि हम हर मैच से कुछ न कुछ सीखते हैं। हम गलतियों को सुधारने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। मैं भी रोजाना कुछ न कुछ सीखता हूं। एक कप्तान के तौर पर मुझे देखना होगा कि हम वह चीजें न करें जो पहले हो चुकी हैं।

पिच पर है काफी घास 
वंडरर्स की पिच के लिए विराट ने कहा कि यह पिछले मैच से अलग है लेकिन केपटाउन से मिलती जुलती लगती है और इस पर घास तथा उछाल दोनों है। यह परंपरागत वंडरर्स विकेट है जिसपर गेंद को अच्छा उछाल मिलता है। इस पिच पर पूरी तरह तेज आक्रमण उतारे जाने के बारे में पूछने पर विराट ने कहा कि इस पिच पर काफी घास है और हम पूरा तेज आक्रमण उतारने के बारे में विचार कर सकते हैं लेकिन इसका फैसला मैच से पहले होगा।

दो टेस्ट में 40 विकेट लेना बड़ी बात 
विराट ने अब तक दोनों टेस्टों में मिले 40 विकेटों को सकारात्मक पहलू बताते हुए कहा कि दो टेस्टों में हम 40 विकेट ले चुके हैं जो एक भारतीय टीम के लिये बड़ी बात है। बल्लेबाजी अब तक दोनों टीमों के बीच का अंतर रही है और हमारे बल्लेबाज खुद को सुधारने के लिये तैयार हैं। कोच रवि शास्त्री की तरह विराट ने भी क्षेत्ररक्षण में सुधार लाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि क्षेत्ररक्षण के मामले में मेजबान टीम हमसे बेहतर रही है। बल्लेबाजी गेंद और बल्ले का मामला होती है लेकिन क्षेत्ररक्षण हर खिलाड़ी के हाथ में है जिसमें वह खुद ही सुधार कर सकता है। 

कप्तानी को लेकर हो रही है आलोचना
भारत तीन टेस्ट मैचों की सीरीज गंवा चुकी है, जिसके बाद कोहली की कप्तानी को लेकर आलोचनाएं होना शुरू हो गईं। दोनों मैचों में गेंदबाजों ने अच्छा प्रदर्शन किया पर बल्लेबाजों ने निराश किया। भारत के पास दोनों टेस्ट मैच जीतने का माैका था, लेकिन वह इन माैकों का फायदा नहीं उठा सके। पूर्व आॅस्ट्रेलियाई कप्तान ने उनकी कप्तानी को लेकर कहा कि एक दिन टीम इंडिया अच्छा कप्तान खो देगी, क्योंकि कोहली फैसले अकेले लेते हैं आैर मैदान पर जरूरत से ज्यादा गुस्सा करते हैं।