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बेंगलुरू: इंडिया सुपर लीग का चौथा सीजन बेंगलुरु एफसी के गोलकीपर गुरप्रीत सिंह संधू के लिए शानदार शुरुआत लेकर आया है। संधू ने कभी अपने करियर में शीर्ष लीग में 18 मैच नहीं खेले थे। जिस तरह से इस खिलाड़ी ने इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) के चौथे सीजन में प्रदर्शन किया है वह बताता है कि नार्वे जाने के बाद इस खिलाड़ी ने अपने खेल में कितना सुधार किया है। भारत के नंबर- एक गोलकीपर ने कहा- मैंने अभी तक खिताब नहीं जीता है तो मुझे नहीं पता कि इसका क्या अहसास होता है। अगर हम जीतते हैं तो यह अलग अहसास होगा जो मैंने पहले कभी महसूस नहीं किया है। हम एक बार में एक मैच पर ही ध्यान दे रहे हैं और यही हमारा इस समय लक्ष्य है। 

पहली बार आईएसएल में खेल रही बेंगलुरू को खिताब की दहलीज पर पहुंचाने में गुरप्रीत के शानदार प्रदर्शन का बहुत बड़ा योगदान है। वह शानदार फॉर्म में हैं और उन्होंने दूसरे सेमीफाइनल के दूसरे चरण में शानदार बचाव करते हुए एफसी पुणे सिटी को बढ़त लेने से रोक दिया था। इस बात में कोई अचरच नहीं है कि वह अपने इसी प्रदर्शन के कारण गोल्डन ग्लव के सबसे बड़े हकदार हैं।

नार्वे में स्टावेक एफसी के साथ खेलने से उन्हें निश्चित ही फायदा हुआ है। वह रिवर्स लीग में हर सप्ताह के अंत में खेलते थे और उसी समय ने इस गोलकीपर को आत्मविश्वास से लबरेज कर दिया। भारत में वह इस लीग में उन गोलकीपरों से कई आगे हैं जिन्होंने इस सीजन में सभी की निगाहें अपनी तरफ खींची।

सुब्रत पॉल (जमशेदपुर एफसी), करणजीत सिंह (चेन्नइयन एफसी) और अमरिंदर सिंह (मुंबई सिटी एफसी) ने भी अच्छा प्रदर्शन किया है, लेकिन गुरप्रीत के करीब कोई नहीं आ पाया है। गुरप्रीत के रहते हुए बेंगलुरू एफसी का लीग में रक्षात्मक रिकार्ड काफी अच्छा रहा है। उसने अभी तक खेले गए 20 मैचों में सिर्फ 17 गोल खाए हैं। गुरप्रीत इनमें से 18 मैचों में खेले हैं जिसमें से उन्होंने सात में क्लीनशीट रखी है।

भुवनेश्वर में किया गया शानदार प्रदर्शन उनका सबसे अच्छा प्रदर्शन माना जाता है जिसमें उन्होंने जमशेदपुर को जीत से महरूम रखा था  शनिवार को होने वाले फाइनल में वह चेन्नइयन एफसी के खिलाफ भी अपने इसी प्रदर्शन को जारी रखना चाहेंगे। अगर वह ऐसा कर पाते हैं तो वह अपनी टीम को लीग का खिताब दिलाने में सफल रहेंगे।