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जालन्धर : चाइनामैन और ऑर्थोडॉक्स गेंदबाजी के बाद अब क्रिकेट जगत में  एंबी-डेक्सट्रोज गेंदबाजों का बोलबाला बढऩे लगा है। एंबी-डेक्सट्रोज को ङ्क्षहदी में उभयहस्त शैली कहा जाता है। इसका एक मतलब ‘छल-कपट’ या दगाबाजी, लेकिन क्रिकेट की भाषा में एंबी-डेक्सट्रोज उसको कहा जाता है कि जो कि दोनों हाथ से गेंदबाजी करे। न्यूजीलैंड में चल रहे अंडर-19 क्रिकेट वर्ल्ड कप के दौरान श्रीलंका टीम का प्रतिनिधित्व कर रहे कमिंदु मेंडिस भी ऐसे ही गेंदबाज हैं। अपने अबूझ एक्शन के कारण वह अक्सर विकेट निकालने में कामयाब रहे हैं। एक यही कारण है कि श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड ने उन्हें अंडर-19 टीम की जिम्मेदारी सौंपी।
मूवमैंट मिलने से होता है फायदा 
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मैं ज्यादातर दाएं हाथ के बल्लेबाज के लिए बाएं हाथ से गेंदबाजी करता था ताकि मूवमैंट का फायदा लेकर विकेट झटक सकूं। इसमें कई बार सफल भी रहा। कई बार अंपायर भी मेरे फैसले से हैरान हो जाते थे। इसी परिस्थिति में कई बार मुझे विकेट मिल जाती थी। -कमिंदु मेंडिस (कप्तान, श्रीलंका अंडर-19 क्रिकेट टीम)
पहले मैच में दिखाया कमाल
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कमिंदु मेंडिस ने अपनी एंबी-डेक्सट्रोज गेंदबाजी का शानदार प्रदर्शन जारी रखते हुए अंडर-19 क्रिकेट वल्र्ड कप के अपने पहले ही मैच में आयरलैंड के खिलाफ खेलते हुए 10 ओवर में 35 रन देकर 3 महत्वपूर्ण विकेट झटके। बाद में जब मेंडिस बैटिंग करते आए तो उन्होंने 73 गेंद में 74 रन बनाकर अपनी टीम को आसान जीत दिला दी।
दूसरा वर्ल्ड कप खेल रहे : बाएं हाथ के बल्लेबाज मेंडिस का यह दूसरा वर्ल्ड कप है। अपने पहले वल्र्ड कप में वह 4 फिफ्टी लगा चुके हैं। उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 68* पाकिस्तान के खिलाफ है।

एंबी-डेक्सट्रोज बॉलर
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