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जालन्धर (जसमीत सिंह) : आईपीएल-11 की शुरुआत होने से पहले ही बड़े धमाके गूंजने लगे हैं। एक धमाका तो इतना जोरदार था कि बड़े-बड़े सितारा खिलाड़ी सस्ते में निपट गए। इनमें से कुछ खिलाड़ी ऐसे भी थे जो आईपीएल की हिस्ट्री ऑक्शन हिस्ट्री में कभी सबसे महंगे बिके थे। लेकिन जब बेंगलुरु में आईपीएल-11 प्लेयर ऑक्शन की शुरुआत हुई तो यह खिलाड़ी अपने बेस प्राइस से ही आगे नहीं बढ़ पाए। कुछ प्रमुख नाम युवराज सिंह, हरभजन सिंह और गौतम गंभीर के रूप में सामने हैं। पहले तो इन्हें इनकी टीमों ने रिटेन नहीं किया। जब तीनों ने अपना बेस प्राइस 2 करोड़ घोषित किया तो ऑक्शन में भी यह 2 करोड़ रुपये में बिके। 

हालांकि गौतम गंभीर तो पहले ही साफ कर चुके थे कि वह कोलकाता की तरफ से करियर आगे नहीं बढ़ाना चाहते ऐसे में उनके लिए एकमात्र सहारा दिल्ली डेयरडेविल्स के रूप में मौजूद था। लेकिन ऊलटफेर तब सामने आया जब 10 करोड़ रुपए से ज्यादा में बिकने वाले गंभीर बेस प्राइस में ही उम्मीद मुताबिक दिल्ली डेयरडेविल्स ने खरीद लिए। गंभीर जैसे प्लेयर के लिए 2.80 करोड़ कीमत कई सवाल खड़े कर रही है। एक सवाल उनकी बढ़ती उम्र ने भी खड़ा किया है। 

गंभीर अभी 36 साल के हैं और वह पहले ही कह चुके हैं कि शायद यह आईपीएल उनके करियर का आखिरी आईपीएल होगा। ऐसे में बढ़ती उम्र न सिर्फ गंभीर बल्कि युवराज और हरभजन सिंह पर भी असर डाल रही है। यह कहना अत्थकनी नहीं होगा कि जिस तरह विभिन्न फ्रैंचाइजी ने इन सितारा प्लेयरों की ऑक्शन पर बेरुखी दिखाई है। इसका निचोड़ यह भी निकलता है कि आईपीएल खेलने के लिए खिलाड़ी की अधिकतम उम्र 36 ही है। इससे आगे जाने वाले खिलाड़ी बिक भी नहीं पा रहे हैं। सबसे बड़ी उदाहरण क्रिस गेल की रही जिसे पहले दिन किसी ने खरीदा ही नहीं। 

युवराज सिंह : क्या यो यो टेस्ट लेट पास करना ले डूबा
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युवराज शुरु से ही आईपीएल के सितारा खिलाड़ी रहे हैं। 2008 में आईपीएल की शुरुआत के दौरान हालांकि एमएस धोनी सबसे महंगे बिके थे लेकिन युवराज भी सबसे महंगे बिकने वाले खिलाडिय़ों में से एक है। धीरे-धीरे पंजाब, रॉयल चैलेंजर बेंगलुरु, दिल्ली, पुणे, हैदराबाद से खेलते वक्त भी उन्होंने प्राइस मनी में अपना नाम सबसे ऊपर रखा। 2014 आईपीएल में भी युवराज सिंह 14 करोड़ में बिके थे। यह उनका प्रदर्शन और बेस्ट फॉर्म ही थी कि वह 2015 में भी सबसे महंगे खिलाड़ी (16 करोड़) के रूप में बिके। लेकिन धीरे-धीरे उनका प्रदर्शन कमजोर होता गया। एक बड़ा कारण तो उनका यो यो फिटनेस टेस्ट पास न करना भी बना। अब जब युवराज ने यो यो टेस्ट पास किया तो इसका मानक बदल गए। युवराज ने यो यो टेस्ट के 16.1 अंक प्राप्त कर लिए थे। लेकिन अब बीसीसीआई ने फिटनेस टेस्ट के लिए नया मानक 16.5 कर दिया है। बढ़ती उम्र तक इस टेस्ट को पार करना चुनौती भी है। वैसे भी टीम इंडिया से अर्से से अंदर-बाहर हो रहे युवराज के लिए यो यो टेस्ट पास करना चुनौती बन गया था। उन्होंने कई बार टेस्ट दिया। लेकिन फेल हो गए। आखिर जब उन्होंने टेस्ट पास किया तो बीसीसीआई ने टेस्ट संबंधी नियम बदल दिए। एक फिटनेस ही नहीं घरेलू क्रिकेट में युवराज का उतार-चढ़ाव से भरा प्रदर्शन भी प्रमुख जिम्मेदार रहा कि वह इस साल महंगे खिलाडिय़ों की सूची में  नहीं आए। सैयद मुश्ताक अली टी-20 ट्रॉफी आईपीएल ऑक्शन से ठीक पहले खेली गई। इसमें युवराज सिंह का प्रदर्शन औसत मुताबिक ही रहा। अगर वह इस ट्रॉफी में ज्यादा रन बनाते तो यकीनन ऊंचे दाम पर बिकते। लेकिन औसत प्रदर्शन के कारण वह ऑक्शन में भी औसत बेस प्राइस ही ले पाए।

युवराज को खरीदकर प्रिंटी जिंटा ने जाहिर की खुशी

हरभजन सिंह : 10 साल मुंबई के लिए खेले अब सीएसके ने खरीदा
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भारत के सबसे अनुभवी स्पिनर हरभजन सिंह को आईपीएल-11 शुरू होने से पहले मुंंबई इंडियंस ने रिटेन नहीं किया। यह सबसे बड़ी हैरानी की बात रही। मुंबई इंडियंस की तरफ से खेलते हुए 5 ट्रॉफियां उठाने वाले हरभजन सिंह ने मुंबई इंडियंस के लिए कप्तानी करते हुए एक बार खुद भी आईपीएल ट्रॉफी उठाई थी। ऐसे में मुंबई इंडियंस की तरफ से उन्हें रिटेन न करने का फैसला भी हरभजन सिंह की बढ़ती उम्र की ओर इशारा कर गया। हरभजन अभी 3७ साल के हैं। ऐसे में वह कितने आईपीएल सीजन आगे खेलेंगे, इस पर अभी से चर्चा शुरू हो गई है। चर्चा शुरू होने के पीछे हरभजन सिंह का बयान भी जिम्मेदार था जिसमें उन्होंने गंभीर के कोलकाता टीम को छोड़ अपनी होम टीम दिल्ली में लौटने की ख्वाहिश पर उनकी पीठ थपथपाई थी। आईपीएल के सबसे बढिय़ा इकोनमी रेट निकालने वाले हरभजन भी युवराज की तरह सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में औसत प्रदर्शन कर पाए। वह पंजाब टीम के कप्तान है। लेकिन वह अपनी टीम को फाइनल में पहुंचा नहीं पाए। इसके अलावा हरभजन महंगे नहीं बिके, इसके पीछे एक बड़ा कारण उनका लगभग 3 साल से इंटरनेशनल क्रिकेट नहीं खेलना भी है। क्योंकि हरभजन टीम इंडिया के लिए आखिरी बार 2015 में खेले थे ऐसे में क्रिकेट के इस सबसे तेज फॉर्मेट में उनकी शमूलियत भी संदिग्ध हो गई थी। वैसे भी मुंबई इंडियंस से रिटेन न किए जाने पर हरभजन ने बयान जारी कर कहा था कि वह हैरान नहीं है। उन्हें नहीं पता आगे क्या होगा लेकिन उन्हें जो टीम चुनेगी वह उसे अपना 100 प्रतिशत देंगे। हरभजन को सीएसके ने 2 करोड़ में खरीदा। 2 करोड़ रुपये पहले से ही हरभजन का बेस प्राइस था। ऐसे में हरभजन के इतने कम राशि में बिकने पर उनका आत्मसमर्पण का भाव नजर आ रहा है। क्योंकि ऑक्शन से कुछ दिनों पहले से हरभजन अपने ट्विटर अकाऊंट से सीएसके और तमिल लोगों को त्यौहारों पर शुभकामनाएं देने के लिए चर्चा में आ रहे थे।

हरभजन ने तमिल भाषा में ही ट्विट कर जताई खुशी


गौतम गंभीर : क्या घर वापसी की कीमत चुकाई गंभीर ने
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युवराज की तरह गौतम गंभीर भी ऐसे प्लेयर रहे हैं कि जो आईपीएल सीजन में कभी सबसे महंगे खिलाड़ी बिके। ऐसा कोई सीजन नहीं होगा जिसमें वह औसत 5 करोड़ से नीचे बिके हो। लेकिन आईपीएल 2018 की ऑक्शन में वह 2.80 करोड़ में उम्मीद मुताबिक दिल्ली डेयरडेविल्स की ओर से खरीद लिए गए। एक बड़ा कारण उनका खुद का बयान भी था। जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्होंने आईपीएल में अपनी शुरुआत दिल्ली की तरफ से की थी। और वह दिल्ली की तरफ से ही अपना करियर खत्म करने की ख्वाहिश रखते थे। गंभीर के इस बयान के बाद यह खबर आई कि कोलकाता नाइट राइडर्स ने उन्हें रिटेन नहीं किया है। ऐसे में साफ हो गया था कि गंभीर के लिए दिल्ली टीम में वापस आने की रास्ता साफ हो गया है। लेकिन 2011 में सबसे महंगे बिकने वाले गंभीर जब अपने बेस प्राइस में ही दिल्ली द्वारा खरीद लिए गए तो कयास लगाए गए कि गंभीर को घर वापसी की कीमत चुकानी पड़ी है। गंभीर आईपीएल के सबसे सफलतम कप्तानों में से एक रहे हैं। लेकिन वह टीम इंडिया से साल 2013 से बाहर है। हां, एक बार उन्होंने टीम इंडिया में साल 2016 में वापसी जरूर की थी लेकिन वह टेस्ट क्रिकेट था। इसके अलावा सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में उनका प्रदर्शन औसत से भी कम रहा। एक मैच में फिफ्टी लगाने वाले गंभीर बाकी मैचों में बुरी तरह फ्लॉप रहे। आखिरी 4 मैचों में तो उनका स्कोर 7, 1, 1, 27 रहा।

गंभीर ने भी ट्विट कर कहा- आईएम बैक