नयी दिल्ली, 30 अप्रैल (भाषा) भारतीय कुश्ती महासंघ के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ शीर्ष पहलवानों के धरने के बीच भारतीय ओलंपिक संघ के खिलाड़ियों के आयोग ने सुझाव दिया है कि आईओए को ऐसी व्यवस्था बनानी चाहिये जिसमें खिलाड़ियों से जुड़े मसलों से सम्मान और गरिमा के साथ निपटा जाये ।
भारतीय ओलंपिक संघ के खिलाड़ियों के आयोग की शनिवार को हुई बैठक में पहलवानों के धरने पर बात की गई ।
एक सूत्र ने बताया ,‘‘ बैठक में भाग लेने वाले दस में से छह सदस्यों ने अपने सुझाव आईओए को भेज दिये हैं । आयोग का मानना है कि आईओए के सामने खिलाड़ियों की आवाज उठाने में उसे और सक्रिय भूमिका निभानी होगी । इसके साथ ही ऐसी व्यवस्था बनानी होगी कि खिलाड़ियों से जुड़े मसलों से सम्मान और गरिमा के साथ निपटा जाये ।’’
समझा जाता है कि एथलीट आयोग की अध्यक्ष और ओलंपिक कांस्य पदक विजेता मुक्केबाज एम सी मैरीकोम ने बैठक में भाग नहीं लिया । वह पहलवानों द्वारा लगाये गए यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिये आईओए द्वारा 20 जनवरी को गठित सात सदस्यीय समिति की प्रमुख भी हैं । समिति ने अभी अपनी रिपोर्ट जमा नहीं की है । वह सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न और धमकाने के आरोपों की जांच कर रही खेल मंत्रालय की समिति में भी है जिसने अपनी रिपोर्ट दे दी है ।
एथलीट आयोग में मैरीकोम के अलावा अचंत शरत कमल, गगन नारंग, मीराबाई चानू, पी वी सिंधू, शिवा केशवन, बजरंग लाल , भवानी देवी, रानी रामपाल और ओ पी करहाना हैं । ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता निशानेबाज अभिनव बिंद्रा और भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान भी अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति और एशियाई ओलंपिक परिषद के सदस्य के तौर पर आयोग में हैं ।
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