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नयी दिल्ली, 28 फरवरी (भाषा) भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह मंगलवार को सरकार द्वारा नियुक्त निगरानी समिति के समक्ष पेश हुए और उन्होंने अपने ऊपर लगाए गए सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया।

यह समिति बृजभूषण के खिलाफ लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच कर रही है।


दिग्गज मुक्केबाज एमसी मैरी कॉम के अध्यक्षता वाली समिति का गठन 23 जनवरी को किया गया था। देश के चोटी के पहलवानों ने डब्ल्यूएफआई के प्रमुख बृजभूषण पर कई महिला खिलाड़ियों का यौन उत्पीड़न करने, खिलाड़ियों को धमकाने और तानाशाही तरीके से खेल निकाय का संचालन करने के आरोप लगाए थे।


सुनवाई के लिए बृजभूषण अपने 20 समर्थकों के साथ पहुंचे थे। सुनवाई लगभग तीन घंटे तक चली।


खेल मंत्रालय के सूत्रों ने पीटीआई से कहा,‘‘ बृजभूषण आज समिति के सामने पेश हुए। उन्होंने सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि उन्होंने कभी कुछ भी गलत काम नहीं किया।’’

बृजभूषण हालांकि भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) मुख्यालय के बाहर इंतजार कर रहे मीडिया से बचते रहे। उन्होंने कहा कि अभी जांच चल रही है और इस समय वह किसी तरह की टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं।


उनके खिलाफ आरोप देश के चोटी के पहलवानों ने लगाए हैं जिनमें विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और रवि दहिया भी शामिल हैं। पहलवान पहले ही समिति के सामने पेश हो चुके हैं।


जनवरी में देश के चोटी के पहलवानों ने जंतर-मंतर पर तीन दिवसीय धरना दिया था और बृजभूषण को बर्खास्त करने और डब्ल्यूएफआई को भंग करने की मांग की थी। इसके बाद भाजपा के सांसद बृजभूषण को जांच पूरी होने तक डब्ल्यूएफआई का कामकाज नहीं देखने के लिए कहा गया था।


मैरी कॉम की अगुवाई वाली समिति में पूर्व पहलवान योगेश्वर दत्त, पूर्व बैडमिंटन खिलाड़ी तृप्ति मुर्गुंडे, साइ सदस्य राधिका श्रीमान, लक्ष्य ओलंपिक पोडियम योजना के पूर्व सीईओ राजेश राजगोपालन और राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता बबीता फोगाट शामिल हैं।


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