नई दिल्ली : भले ही कप्तानी के दावेदारों में उनका नाम शामिल नहीं रहा हो लेकिन अनुभवी हरफनमौला रविंद्र जडेजा ने कहा कि वह एक दिन भारतीय टेस्ट टीम की कप्तानी करना चाहेंगे चूंकि अपने लंबे कैरियर में अलग अलग कप्तानों के साथ खेलकर वह इस भूमिका को बखूबी समझ गए हैं। इंग्लैंड दौरे के लिए युवा बल्लेबाज शुभमन गिल को भारतीय टेस्ट टीम का कप्तान बनाया गया जबकि ऋषभ पंत उप-कप्तान होंगे।
क्या वह भारत के टेस्ट कप्तान बनना चाहते हैं, यह पूछने पर 36 वर्ष के जडेजा ने भारत के पूर्व क्रिकेटर रविचंद्रन अश्विन के यूट्यूब चैनल पर कहा, ‘हां, बिल्कुल। इतने सालों में मैने अलग-अलग कप्तानों के साथ खेला है। मुझे हर कप्तान की शैली के बारे में पता है और यह भी समझता हूं कि खिलाड़ी क्या सोचते हैं और चाहते हैं।'
भारत के लिए 2012 में पहला टेस्ट खेलने वाले जडेजा ने महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में तीनों प्रारूपों में पदार्पण किया था और आईपीएल में भी उनकी कप्तानी में चेन्नई सुपर किंग्स के लिये खेले। जडेजा ने कहा, ‘हर कप्तान की अपनी शैली होती है। मैने हर प्रारूप में महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में खेला है और उनकी सोच बिल्कुल सरल है। अगर उन्हें लगता है कि कोई बल्लेबाज एक ही जगह पर शॉट खेल सकता है तो वहां वह फील्डर जरूर लगाएंगे।'
टेस्ट क्रिकेट से रोहित शर्मा के संन्यास के बाद अश्विन ने जडेजा को कप्तान बनाने का समर्थन किया था। उन्होंने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा था, ‘हम रविंद्र जडेजा को क्यो भूल जाते हैं। अगर नया कप्तान चाहिए तो मैं कहूंगा कि दो साल के लिए किसी अनुभवी को कमान सौंपने के बाद नए व्यक्ति को बागडोर दी जानी चाहिए।'
जडेजा ने यह भी कहा कि टेस्ट टीम की बजाय टी20 में कप्तानी अधिक कठिन है। उन्होंने कहा, ‘टेस्ट क्रिकेट में आपको गेंदबाज की जरूरत के मुताबिक दो या तीन फील्डर में बदलाव करना होता है, बल्लेबाज के हिसाब से नहीं।' उन्होंने कहा, ‘टेस्ट क्रिकेट में कप्तानी अलग है। इसमें ज्यादा माथापच्ची नहीं करनी होती। यह आईपीएल या टी20 की तरह पेचीदा नहीं है, जहां हर गेंद अहम होती है।'