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स्पोर्ट्स डैस्क : पूर्व क्रिकेटर संजय मांजरेकर का मानना है कि वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल के तीसरे दिन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 89 रन की शानदार पारी के बावजूद अजिंक्य रहाणे को अभी भारत के लिए संकटमोचक बल्लेबाज नहीं कहा जा सकता है।

रहाणे घरेलू सर्किट और आईपीएल में कुछ अच्छे प्रदर्शन के बाद 17 महीने बाद भारतीय टेस्ट टीम में लौटे। श्रेयस अय्यर और केएल राहुल की चोटों के कारण रहाणे जगह बनाने में सफल हुए। मैच के तीसरे दिन सुबह 152/6 पर भारत हर तरह की परेशानी में था। रहाणे ने 89 रन बनाकर टीम को संभाला और शार्दुल ठाकुर के साथ एक महत्वपूर्ण साझेदारी की, जिससे भारत ने शुक्रवार को अपनी पहली पारी में 296 रन बनाए।

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क्रिकइन्फो पर बोलते हुए मांजरेकर ने कहा कि खतरा अभी टला नहीं है क्योंकि मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया का पलड़ा भारी है। पूर्व क्रिकेटर ने यह भी बताया कि रहाणे की अपने टेस्ट करियर में बड़ी पारियों के बाद कम स्कोर बनाने की आदत है, लेकिन कहा कि हम मैच में उनका एक नया पक्ष देख सकते हैं। मांजरेकर ने कहा, “मुझे नहीं लगता कि अजिंक्य रहाणे को संकटमोचक बल्लेबाज कहा जा सकता है। अभी एक और पारी बाकी है, संकट को इस तरह टालना है कि या तो आप मैच ड्रा कराएं या जीतें। लेकिन उनकी पहली पारी, पूरी तरह से बाधाओं पर आई। उसने शानदार प्रदर्शन किया है।”