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नई दिल्ली: भारतीय मुक्केबाजों ने महिला विश्व चैम्पियनशिप में मंगलवार को शानदार प्रदर्शन किया जिनमें निकहत जरीन (50 किलो) के अलावा नीतू गंघास (48 किलो), मनीषा मौन (57 किलो) और जैस्मीन (60 किलो) ने  जीत दर्ज करके क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई । निकहत ने मैक्सिको की पैट्रिसिया अल्वारेज हेरेरा का 5-0 से शिकस्त देकर टूर्नामेंट की अपनी तीसरी जीत दर्ज की। नीतू और मनीषा ने आरएससी (रैफरी के द्वारा मुकाबला रोके जाने) से जीत दर्ज की। 

राष्ट्रमंडल खेलों की चैम्पियन नीतू ने ताजिकिस्तान की सुमैया कोसिमोवा को पहले दौर में हराया जबकि पिछले साल की कांस्य पदक विजेता मनीषा ने तुर्की की नूर एलिफ तुरहान को मात दी। जैस्मीन ने पहले दौर में पिछड़ने के बाद शानदार वापसी करते हुए ताजिकिस्तान की मिजगोना सामडोवा को मात दी। शशि चोपड़ा (63 किलो) हालांकि जापान की मेइ कितो से 0-4 से हारकर बाहर हो गई । नीतू का यह दूसरा मुकाबला था जिसका फैसला आरएससी पर आया । 

निकहत ने जवाबी हमला करने से पहले अपने प्रतिद्वंद्वी के खेल को समझने में कुछ सेकंड का समय लिया। हरेरा के मुक्कों से बचने के लिए उन्होंने अपने फुर्तीले पैरों का इस्तेमाल किया। दोनों मुक्केबाज पहले 52 किग्रा भार वर्ग में चुनौती पेश करते थे। मैक्सिको की मुक्केबाज की आक्रामक शैली से अच्छी तरह वाकिफ निकहत ने सटीक पंच जड़े। पिछले सत्र में भी निकहत से शिकस्त झेलने वाली हेरेरा ने लय हासिल करने की कोशिश की लेकिन निकहत ने लगातार मुक्के लगाकर उन्हें मुकाबले से बाहर कर दिया। 

टूर्नामेंट की गैरवरीय खिलाड़ी निकहत ने कहा, ‘‘मुझे खुशी है कि मैंने उस खिलाड़ी को शिकस्त दी जिसे शीर्ष वरीयता मिली थी। उन्होंने कहा, ‘‘ मैं अब भी अपने पिछले दौर के मुकाबले की थकान से उबर रही हूं क्योंकि वह मुकाबला भी एक शीर्ष वरीयता प्राप्त खिलाड़ी के खिलाफ था। यह कठिन था और उसके मुक्के काफी अच्छे से लगे थे इसलिए मेरी गर्दन में थोड़ी चोट थी और मेरा शरीर मेरे पिछले बाउट की तुलना में थोड़ा धीमा था। लेकिन मुझे खुशी है कि मैं इस बार सर्वसम्मति से जीत गयी।'' उन्होंने कहा, ‘‘ मेरे मुक्केबाजी करियर में यह पहली प्रतियोगिता है कि मैं छह बाउट खेलूंगी क्योंकि मुझे वरीयता नहीं मिली, लेकिन मैं उस पर ध्यान केंद्रित नहीं कर रही हूं।''