नई दिल्ली : ग्लासगो राष्ट्रमंडल खेल 2026 से हॉकी को हटाये जाने को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए भारतीय हॉकी टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने कहा कि राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतना उनकी टीम का लक्ष्य था। भारत की राष्ट्रमंडल खेलों में पदक जीतने की संभावनाओं को करारा झटका लगा है क्योंकि मेजबान शहर ग्लासगो ने हॉकी, बैडमिंटन, कुश्ती, क्रिकेट और निशानेबाजी जैसे प्रमुख खेलों को 2026 में होने वाले खेलों के कार्यक्रम हटा दिया है तथा केवल 10 खेलों को इसमें जगह दी गई है।
लागत को सीमित करने के लिए टेबल टेनिस, स्क्वाश और ट्रायथलॉन को भी हटा दिया गया है। जर्मनी के खिलाफ यहां मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम पर 23 और 24 अक्टूबर को होने वाले टेस्ट मैचों से पहले प्रेस कांफ्रेंस में हरमनप्रीत से जब इस फैसले पर प्रतिक्रिया के लिए पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘मुझे अभी पता चला है कि यह फैसला लिया गया है। यह अच्छा टूर्नामेंट था। हमारा लक्ष्य इस बार उसमें स्वर्ण पदक जीतना था।'
भारतीय टीम 2022 में बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों के फाइनल में ऑस्ट्रेलिया से 0-7 से हार गई थी जबकि 2018 में गोल्ड कोस्ट खेलों में इंग्लैंड से 1-2 से हारकर चौथे स्थान पर रही थी। भारतीय पुरूष हॉकी टीम ने राष्ट्रमंडल खेलों में कभी स्वर्ण पदक नहीं जीता जबकि महिला टीम ने 2002 में मैनचेस्टर खेलों में पीला तमगा अपने नाम किया था।
पेरिस ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता टीम के कप्तान हरमनप्रीत ने कहा, ‘लेकिन जो हमारे हाथ में नहीं है, उसके बारे में सोचने से कोई फायदा नहीं है। अभी हमें जर्मनी जैसी मजबूत टीम से खेलना है और फोकस उसी पर है।' वहीं कोच क्रेग फुल्टोन ने भी कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है लेकिन अभी इसके प्रभाव के बारे में सोचने का समय नहीं है। दक्षिण अफ्रीका के इस कोच ने कहा, ‘मुझे नहीं पता कि यह आधिकारिक है या नहीं। अगर है तो दुर्भाग्यपूर्ण है। लेकिन इसके बारे में सोचने का अभी समय नहीं है क्योंकि हमारा ध्यान अभी कल और परसों के मैच पर है।'