Sports

सेंचुरियन : दक्षिण अफ्रीका कप्तान तेम्बा बवूमा का मानना है कि भले ही घरेलू परिस्थितियों उनकी टीम अधिक परिचित है लेकिन जिस टीम के बल्लेबाज अच्छा खेलेंगे उन्हें ही श्रृंखला में बढ़त मिलेगी। कल होने वाले पहले टेस्ट मुकाबले से पहले बवूमा ने कहा कि हाल ही में भारतीय टीम को जो सफलताएं मिली हैं, वह उनकी गेंदबाजी के कारण हैं। हमें घरेलू टीम होने का जो फायदा मिल सकता था, वह फायदा उनकी मजबूत गेंदबाजी के आगे कमजोर पड़ सकता है। अब मुकाबला बल्लेबाजो के बीच होगा। जिस टीम के बल्लेबाज अधिक अच्छा खेलेंगे उन्हें ही श्रृंखला में बढ़त मिलेगी।

 

Temba Bavuma, SA vs IND 1st Test, india vs south africa 1st Test live, टेम्बा बावुमा, दक्षिण अफ्रीका बनाम भारत पहला टेस्ट, भारत बनाम दक्षिण अफ्रीका पहला टेस्ट लाइव


बावुमा ने कहा कि उनके गेंदबाज हम पर दबाव डालने जा रहे हैं और उनका बल्लेबाजी क्रम भी मज़बूत है। उनके खिलाड़ी किसी भी परिस्थिति में प्रदर्शन का माद्दा रखते हैं। उन्होंने कहा कि इस श्रृंखला से हमारा गर्व भी जुड़ी हुई है और एक टीम के रूप में हम इस रिकॉडर् को बरकरार रखने का पूरा प्रयास करेंगे। लेकिन हमें समझना होगा कि हम भारत के खिलाफ खेल रहे हैं और उनके खिलाफ खेलना चुनौतियों से भरा हुआ है। हमारा ध्यान उन्हीं चुनौतियों पर है। हम उन चुनौतियों को स्वीकार कर रहे हैं और हम अपना सतप्रतिश देने का प्रयास करेंगे।

 


उन्होंने कहा कि मैंने लंबे समय से लाल-गेंद की क्रिकेट नहीं खेली है, लेकिन परिवार के साथ समय बिताने के बाद मानसिक रूप से मैं अपने आपको तरोताजा महसूस कर रहा हूं।

Temba Bavuma, SA vs IND 1st Test, india vs south africa 1st Test live, टेम्बा बावुमा, दक्षिण अफ्रीका बनाम भारत पहला टेस्ट, भारत बनाम दक्षिण अफ्रीका पहला टेस्ट लाइव

 


उल्लेखनीय है कि भारत के शीर्ष 6 में से 4 बल्लेबाजों का औसत 40 से ऊपर है, जबकि दक्षिण अफ्रीका के बल्लेबाज ऐसे नंबर गेम में कहीं नहीं हैं। विराट कोहली का औसत कुछ बेहतर 51.35 है, वहीं भारतीय कप्तान रोहित शर्मा यहां 15.37 की औसत से रन बनाते हैं। यशस्वी जायसवाल और श्रेयस अय्यर ने यहां पर टेस्ट मैच नहीं खेला है।

 


दक्षिण अफ्रीका के लिए केवल डीन एल्गर 46.16 और एडन माकर्रम 43.92 का घरेलू औसत 40 से अधिक है। वहीं, कप्तान बवूमा घर में 39.11 की औसत से रन बनाते हैं। टेस्ट मैचों में निरंतरता दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाज़ों के लिए एक प्रमुख समस्या रही है और वे पिछले वर्ष लगातार सात पारियों में 200 से कम के स्कोर पर ऑलआउट हुए थे।