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खेल डैस्क : बांग्लादेश दौरे पर गई भारतीय महिला क्रिकेट टीम (indian women cricket team) का तीसरे वनडे में हुए विवाद के बाद कप्तान हरमनप्रीत कौर (Harmanpreet Kaur) ने अंपायरों की खुलकर निंदा की थी। अब इस मामले में स्मृति मंधाना (Smriti Mandhana) भी कूद गई हैं। उन्होंने बांग्लादेशी अंपायरों मुहम्मद कमरुज्जमां और तनवीर अहमद की संयमित आलोचना की तथा साथ ही न्यूट्रल अंपायर (Neutral Umpire) रखने की मांग भी उठाई।

 


बता दें कि दोनों टीमों के बीच खेला गया दूसरा मुकाबला अंत में टाई रहा था। इससे वनडे सीरीज 1-1 की बराबरी पर समाप्त हुई थी। मैच के दौरान हरमनप्रीत उस समय चर्चा में आ गई जब वह स्वीप करने की कोशिश के दौरान नाहिदा अख्तर की गेंद पर पगबाधा आउट हो गईं। उन्होंने दावा किया कि गेंद पैड पर लगने से पहले बल्ले पर लगी थी. उन्होंने गुस्से में स्टंप तोड़ दिए और मैच के बाद की प्रस्तुति में अंपायरिंग को "दयनीय" करार दिया।

 


मंधाना ने अंपायरिंग पर कहा कि किसी भी मैच में, कभी-कभी ऐसा होता है कि आप वास्तव में उस तरह से खुश नहीं होते...खासकर जब इस बार श्रृंखला में कोई डीआरएस नहीं है। हम थोड़े बेहतर स्तर की उम्मीद करते हैं - मैं इसे बेहतर तरीके से कहूंगी कि कुछ निर्णयों में अंपायरिंग का स्तर बेहतरीन होना चाहिए था। अगर गेंद पैड से टकराती तो एक बार भी विचार नहीं किया जाता। मंधाना ने कहा कि एक सेकंड भी नहीं सोचा गया और उंगली ऊपर उठ गई। हमें उम्मीद थी कि ऐसी स्थिति में न्यूट्रल अंपायर ही सही रहेंगे।


मंधाना ने कहा कि मुझे यकीन है कि आईसीसी (अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद), बीसीबी (बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड) और बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड) निश्चित रूप से इस पर चर्चा करेंगे, हो सकता है कि हमारे पास एक तटस्थ अंपायरिंग प्रणाली हो ताकि हम इस चर्चा के लिए यहां न बैठें, शायद हम क्रिकेट और क्रिकेट-उन्मुख प्रश्नों पर ध्यान केंद्रित कर सकें।