नई दिल्ली : भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की अध्यक्ष पीटी उषा ने बुधवार को कहा कि पेरिस ओलंपिक में भाग ले रहे खिलाड़ियों को उनकी पसंद का सहयोगी स्टाफ मुहैया कराने के लिए खेल मंत्रालय, आईओए और राष्ट्रीय महासंघों ने मिलकर बहुत अच्छा काम किया। उन्होंने इस शानदार तालमेल पर गौर नहीं करने के लिए आलोचकों को लताड़ भी लगाई।
खेल मंत्रालय ने 26 जुलाई से शुरू होने वाले पेरिस ओलंपिक खेलों के लिए 117 खिलाड़ियों और सहयोगी स्टाफ के 140 सदस्यों को मंजूरी दी है। इनमें निजी कोच, मानसिक ट्रेनर और फिजियोथैरेपिस्ट भी शामिल हैं। आईओए विशेष रूप से प्रसिद्ध खेल चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. दिनशॉ पारदीवाला के नेतृत्व में गठित 13 सदस्यीय खेल विज्ञान टीम भी दल के साथ भेज रहा है।
उषा ने कहा, ‘आईओए में हम एक ऐसे युग में प्रवेश कर चुके हैं, जहां खिलाड़ी हमारी योजना और तैयारियों के केंद्र में हैं। खिलाड़ियों और सहयोगी स्टाफ के सदस्यों के बीच सामान्य 3:1 अनुपात के बजाय हमने इसे 1:1 अनुपात से थोड़ा बेहतर करने के लिए कड़ी मेहनत की है।' उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों की हर मांग पूरी करने के प्रयासों के बावजूद कुछ रिपोर्टों में काम की नकारात्मक तस्वीर पेश करना निराशाजनक है। उषा ने कहा, ‘खेल मंत्रालय और इसकी इकाइयों, राष्ट्रीय खेल महासंघों और कॉर्पोरेट भागीदारों के साथ मिलकर आईओए ने शानदार टीमवर्क से काम किया है। यह देखकर हैरानी होती है कि कुछ लोगों ने इस तरह के तालमेल को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया है।'
ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाले छह पहलवानों में से एक अंतिम पंघाल कथित तौर पर अपने चार सदस्यीय सहायक स्टाफ के लिए वीजा का इंतजार कर रही हैं, जिससे उनके अभ्यास में बाधा पड़ रही है। उषा ने कहा कि वह सुनिश्चित करेंगी कि खिलाड़ियों के गैर मान्यता प्राप्त सहयोगी स्टाफ के लिए वीजा में और देरी न हो और वह भारत में फ्रांस के दूतावास के साथ अंतिम के कोच भगत सिंह, फिजियोथेरेपिस्ट हीरा और स्पारिंग पार्टनर विकास का मुद्दा उठाएंगी। उषा ने इसके लिए अब भंग कर दी गई तदर्थ समिति को जिम्मेदार ठहराया।
उन्होंने कहा, ‘कुश्ती का संचालन करने वाली (आईओए द्वारा नियुक्त) तदर्थ समिति ने ओलंपिक खेल आयोजन समिति को भेजे गए नामों की लंबी सूची में अंतिम के कोच या फिजियोथेरेपिस्ट का नाम शामिल नहीं करने का फैसला किया।' उषा ने कहा, ‘यह अजीबोगरीब है कि खिलाड़ियों, कोच और सहयोगी स्टाफ की लंबी सूची को मंजूरी देने वाले जिम्मेदार अधिकारियों ने भगत सिंह या हीरा या विकास को शामिल करने की सिफारिश करना उचित नहीं समझा।'