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नई दिल्लीः टी20 क्रिकेट के कारण टेस्ट क्रिकेट का अस्तित्व खतरे में है। वहीं इसे 5 दिनों की बजाय 4 दिन का करने की भी सिफारिशें की जा रही हैं, भारत के कप्तान विराट कोहली नहीं चाहते हैं कि टेस्ट क्रिकेट के माैजूदा स्वरूप से कोई छेड़खानी की जाए। कोहली ने कहा, ‘‘कुछ देशों में ऐसी स्थिति है। यह खेल को देखने वाले लोगों की जागरूकता पर निर्भर करता है। अगर आप दक्षिण अफ्रीका या आस्ट्रेलिया या इंग्लैंड की बात करो तो वहां टेस्ट मैचों में बड़ी संख्या में दर्शक पहुंचते हैं क्योंकि वहां के लोग खेल को समझते हैं।'' 
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उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि अगर आप वास्तव में खेल को समझते हो, अगर आप वास्तव में खेल को चाहते हो तो आप टेस्ट क्रिकेट को समझते हो और आप जानते हो कि यह कितना रोमांचक है। जब आप टेस्ट क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन करते हो तो आपको जो संतुष्टि मिलती है उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है क्योंकि आप जानते हो कि यह कितना चुनौतीपूर्ण है।'' 

यह खेल का सबसे खूबसूरत प्रारूप 
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कोहली ने ‘विजडन' से कहा, ‘‘जब आप टेस्ट क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन करते हो तो आपको जो संतुष्टि मिलती है उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है क्योंकि आप जानते हो कि यह कितना चुनौतीपूर्ण है।'' उन्होंने कहा, ‘‘यह खेल का सबसे खूबसूरत प्रारूप है। मैं नहीं चाहता कि इसे चार दिन का कर दिया जाए।'' कोहली से पूछा गया कि क्या उन्हें वह प्रस्तावित चार दिवसीय टेस्ट मैचों को पीछे हटने वाले कदम के रूप में मानते हैं, उन्होंने कहा,‘‘निश्चित तौर। इसके साथ छेड़छाड़ नहीं की जानी चाहिए।'' विश्व भर में टी20 लीग की बढ़ती संख्या से पांच दिवसीय प्रारूप पर खतरा मंडरा रहा है। यहां तक कि वनडे पर भी अस्तित्व का खतरा मंडरा रहा है। 

टेस्ट चैंपियनशिप के पक्ष में हैं कोहली
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आईसीसी 2019 से नौ टीमों के दो साल की टेस्ट विश्व चैंपियनशिप की शुरुआत करेगी। इसके अलावा 13 टीमों की वनडे लीग भी शुरू होगी। कोहली आगामी टेस्ट चैंपियनशिप के पक्ष में हैं। उन्होंने कहा, ‘‘इससे टेस्ट क्रिकेट को काफी बढ़ावा मिलेगा। इससे प्रत्येक श्रृंखला अधिक प्रतिस्पर्धी बन जाएगी। चैंपियनशिप के दौरान उतार चढ़ाव आएंगे जिसका मैं वास्तव में इंतजार कर रहा हूं। जिन टीमों को टेस्ट क्रिकेट खेलना पसंद है वे इसको लेकर रोमांचित होंगी।'' इस स्टार बल्लेबाज ने कहा कि अपने पूर्ववर्ती महेंद्र सिंह धोनी एकमात्र कप्तान हैं जिनसे उन्होंने नेतृत्वकौशल सीखा। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने अधिकतर सीख एमएस (धोनी) से ली। मैं कई बार स्लिप में उनके पास खड़ा रहा और मुझे करीब से उन्हें समझने का मौका मिला।''