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नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि पहलवान विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया को एशियाई खेलों के लिये चयन ट्रायल से मिली छूट को चुनौती देने वाली याचिका पर 22 जुलाई को फैसला सुनाया जाएगा। 

न्यायाधीश सुब्रहमण्यम प्रसाद ने अंडर 20 विश्व चैम्पियन अंतिम पंघाल और अंडर 23 एशियाई चैम्पियन सुजीत कलकल की याचिका पर शुक्रवार को फैसला सुरक्षित रखा। उन्होंने कार्यवाही के दौरान कहा, ‘अदालत का काम यह पता लगाना नहीं है कि कौन बेहतर है। हमारा काम यह सुनिश्चित करना है कि प्रक्रिया का पालन हुआ या नहीं।' 

फोगाट (53 किलो) और पूनिया (65 किलो) को भारतीय ओलंपिक संघ की तदर्थ समिति ने मंगलवार को एशियाई खेलों में सीधे प्रवेश देने का फैसला किया। दूसरे पहलवानों के लिये ट्रायल 22 और 23 जुलाई को होने हैं। पंघाल और कलकल ने इस फैसले को चुनौती दी है। 

एडवोकेट रिषिकेश बरूआ और अक्षय कुमार द्वारा दाखिल याचिका में उन्होंने तदर्थ समिति के इस फैसले को रद्द करने की मांग की है। बरूआ ने इस फैसले को कई आधार पर चुनौती दी जिसमें अगस्त 2022 में खिलाड़ियों को चयन ट्रायल से छूट देने का प्रावधान वापिस लेने का भारतीय कुश्ती महासंघ की आमसभा का फैसला भी एक आधार है। 

तदर्थ समिति के वकील ने हालांकि कहा कि इस तरह का कोई फैसला फाइल में नहीं है। अदालत ने उन्हें इसके पक्ष में हलफनामा जमा करने को कहा। अदालत ने बृहस्पतिवार को डब्ल्यूएफआई का कामकाज देख रही तदर्थ समिति से फोगाट और पूनिया को चयन ट्रायल से छूट देने के कारण बताने को कहा था।