खेल डैस्क : श्रीलंका के अनुभवी बल्लेबाज एंजेलो मैथ्यूज सोमवार को आईसीसी क्रिकेट विश्व कप में बांग्लादेश के खिलाफ ‘टाइम आउट' दिए गए। इस फैसले के दौरान बांग्लादेश के कप्तान शाकिब अल हसन की अहम भूमिका रही। मैथ्यूज क्रीज पर थे लेकिन जब उन्हें लगा कि हेलमेट स्ट्रैप टूट गया है तो उन्होंने पवेलियन की ओर ईशारा कर दिया। जब तक नया हेलमेट आया तब तक शाकिब अंपायर के पास पहुंच चुके थे और उन्होंने टाइम आऊट की अपील कर दी। नियम के मुताबिक मैथ्यूज तीन मिनट के अंदर गेंद नहीं खेल पाए थे इसलिए वह आऊट दे दिए गए। लेकिन क्रीज पर आने के बावजूद उन्हें आऊट होना पड़ा, इस कारण क्रिकेट फैंस ने शाकिब अल हसन की खेल भावना पर सवाल उठाए। कहा गया कि उन्हें अपनी अपील वापस ले लेनी चाहिए थी क्योंकि मैथ्यूज क्रीज पर आ चुके थे।
सचिन के साथ भी हुआ था ऐसा, पर...
शाकिब के अपील वापस नहीं लेने से हालांकि क्रिकेट भावना को लेकर सवाल भी उठे हैं। इससे पहले 2006-07 में न्यूलैंड्स में एक टेस्ट के दौरान दक्षिण अफ्रीका के तत्कालीन कप्तान ग्रीम स्मिथ ने महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर के खिलाफ ‘टाइम आउट' की अपील नहीं की थी जबकि वह क्रीज पर देर से पहुंचे थे। मैथ्यूज के विकेट ने एक नई बहस भी शुरू कर दी।
दिग्गजों ने की टिप्पणियां
मैच में शतक जड़ने वाले श्रीलंका के बल्लेबाज चरिथ असलंका ने इसे खेल भावना के लिए खराब करार दिया। असलंका ने कहा कि मेरा कहना यह है कि मैथ्यूज के आउट होने का तरीका खेल भावना के लिए अच्छा नहीं है। कमेंटरी कर रहे पाकिस्तान के पूर्व दिग्गज गेंदबाज वकार यूनिस ने इसे खेल भावना के विपरीत करार दिया जबकि भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर ने लिखा कि दिल्ली में आज जो हुआ वह बेहद निराशाजनक है। ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाज उस्मान ख्वाजा ने सवाल उठाया कि मैथ्यूज को ‘टाइम आउट' कैसे दिया जा सकता है जबकि वह क्रीज पर थे और उनके हेलमेट का स्ट्रैप टूट गया था। ख्वाजा ने ‘एक्स' पर लिखा- एंजेलो क्रीज पर आया और उसके बाद उसके हेलमेट का स्ट्रैप टूट गया। यह टाइम आउट कैसे है। अगर वह क्रीज पर नहीं आता तो मैं टाइम आउट के पक्ष में था लेकिन यह बेवकूफाना है।