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नई दिल्ली : अंतरराष्ट्रीय स्तर के गेंदबाज अपने कार्यभार को लेकर चिंतित रहते हैं लेकिन भारत के उमेश यादव कम गेंदबाजी से परेशान हैं जिनका कहना है कि वह अधिक गेंदबाजी करने के लिए काउंटी क्रिकेट में खेलने पर निगाह लगाए हैं। भारत के तेज गेंदबाजों में से एक उमेश भारत की खतरनाक चौकड़ी का हिस्सा हैं लेकिन अब वह सफेद गेंद के क्रिकेट में नहीं दिखते और अब चयनकर्ताओं से थोड़ा साफ पूछना चाहते हैं कि उनका ‘गेम टाइम’ कैसे बढ़ सकता है।

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उमेश ने कहा कि कार्यभार प्रबंधन ऐसा संतुलन है जो आपके लगातार मैच खेलने पर किया जाता है। लेकिन मेरे मामले में यह उलट है। मैंने पिछले दो वर्षों (2018 और 2019) में काफी कम खेला है। इसलिए मेरे ऊपर ऐसा कार्यभार नहीं है। वह यहां विदर्भ के लिए रणजी ट्राफी मैच खेलने के लिए आए हुए हैं। उनके 45 टेस्ट में 142 विकेट हैं और उनका मानना है कि उनकी उम्र में उन्हें ज्यादा से ज्यादा खेलने की जरूरत है ताकि वह लय में रह सकें।

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उमेश ने कहा कि मैं 31 साल का हूं और मेरे लिए अगले चार से पांच साल काफी अहम हैं। अगर आप मेरे रिकार्ड को देखो तो मैंने पिछले साल (2019) चार टेस्ट खेले और इससे पिछले साल (2018) भी चार टेस्ट खेले थे। सफेद गेंद से मैंने पिछले साल सिर्फ एक ही मैच खेला था। उमेश ने 2019 में 4 टेस्ट में 23 विकेट चटकाए थे और अब तीन रणजी मैच खेल लिये हैं। उन्होंने कहा कि इस उम्र में, मैं जितनी ज्यादा गेंदबाजी करूंगा, उतना बेहतर बनूंगा। इसलिए मैं 5 प्रथम श्रेणी मैच खेल रहा हूं ताकि कुछ ज्यादा गेंदबाजी कर सकूं।