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न्यूयॉर्क : दो बार की विम्बलडन चैम्पियन पेत्रा क्वितोवा ने अमेरिकी ओपन के पहले दौर में डायने पैरी से मिली हार के बाद टेनिस को अलविदा कह दिया। मुकाबला खत्म होने के बाद क्वितोवा की आंखें भर आई। दर्शक दीर्घा में मौजूद उनके पति और कोच जिरि वानेक ने उन्हें गले लगाया। पिछले साल जुलाई में बेटे को जन्म देने वाली क्वितोवा 17 महीने बाद कोर्ट पर लौटी थी। 

उन्होंने इस साल की शुरूआत में ही कह दिया था कि अमेरिकी ओपन उनका आखिरी टूर्नामेंट होगा। मैच के बाद प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने बताया कि कुछ सप्ताह पहले वह कोविड 19 संक्रमण का शिकार होने के कारण अमेरिकी ओपन से नाम वापिस लेने की सोच रही थी। उन्होंने कहा, ‘सुबह उठने के बाद से मुझे लग रहा था कि कुछ अच्छा नहीं होगा। मैं खा नहीं सकी। मैं काफी नर्वस थी और कुछ कर नहीं पा रही थी। यह काफी कठिन था। मैने कभी ऐसा अनुभव नहीं किया था।' 

क्वितोवा ने 2011 में मारिया शारापोवा को हराकर विम्बलडन खिताब जीता था। इसके बाद 2014 में यूजीन बूचार्ड को हराकर खिताब अपने नाम किया। ऑस्ट्रेलियाई ओपन 2019 के फाइनल में उन्हें नाओमी ओसाका ने हराया था। दिसंबर 2016 में उनके घर पर एक घुसपैठिये ने उन पर चाकू से हमला किया जिससे लगी चोट से उबरने के लिये उन्हें लंबी सर्जरी करानी पड़ी थी।