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ब्रिजटाउन : भारतीय बल्लेबाज सूर्यकुमार यादव वेस्टइंडीज की पिचों पर स्पिन के खतरे को कम करने के लिए रणनीति बना ली है जिसके तहत वह अपनी ताकत पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं। मौजूदा टी20 विश्व कप के ग्रुप चरण में कैरेबियाई पिचों पर स्पिनरों ने काफी टर्न का आनंद लिया है। पावरप्ले में पिच पर मूवमेंट मिलने से तेज गेंदबाजों को भी काफी मजा आया। 24 मैचों में स्पिनरों ने 19.46 की औसत और 6.61 की इकॉनमी रेट से 116 विकेट लिए हैं। लेकिन सतह की दोहरी प्रकृति के कारण तेज गेंदबाजों ने 17.52 की औसत से 181 विकेट लिए हैं। भारत गुरुवार को बारबाडोस में अफगानिस्तान के खिलाफ सुपर 8 की अपनी यात्रा शुरू करेगा। 

सूर्यकुमार ने जोर देकर कहा कि स्पिनरों से निपटने के लिए वह अपनी मजबूत तकनीक स्वीप और रिवर्स स्वीप पर भरोसा करेंगे। सूर्यकुमार ने कहा, 'यह हमेशा से मेरा मजबूत पक्ष रहा है (स्वीप और रिवर्स स्वीप)। मैंने अभ्यास सत्रों में जिस तरह से खेला है, उसी तरह से खेलने की कोशिश की है।' समूह चरण के दौरान नंबर एक टी20आई-रैंक वाला बल्लेबाज न्यूयॉर्क की मुश्किल सतह पर अपेक्षाकृत शांत था। सूर्यकुमार ने अपनी पारंपरिक आक्रामक खेल शैली के विपरीत जाकर धीमी गति से खेलने का प्रयास किया। आयरलैंड और पाकिस्तान के खिलाफ रन बनाने में संघर्ष करने के बाद उन्होंने 102.04 की स्ट्राइक रेट से 49 गेंदों पर 50 रनों की नाबाद पारी खेली। 

सूर्यकुमार ने कहा, 'अगर आप दो साल से नंबर एक हैं, तो आपको अलग-अलग परिस्थितियों में बल्लेबाजी करने और टीम की जरूरतों के अनुसार खेल को बदलने में सक्षम होना चाहिए। यह अच्छी बल्लेबाजी को दर्शाता है और मैं यही करने की कोशिश करता हूं। जब विकेट पर गति नहीं होती और जब कोई आपके खेल को अच्छी तरह से पढ़ लेता है, तो उस बल को उत्पन्न करना मुश्किल होता है। इसलिए उस समय आपको इस बारे में बहुत होशियार होना चाहिए कि आप अपनी पारी को कैसे आगे बढ़ाना चाहते हैं। आपको स्थिति के अनुसार बदलाव करना होगा, उस समय टीम की क्या मांग है और अपने साथी से बात करनी होगी जो अंदर है, अपने आप को शांत करना होगा और फिर पारी को आगे बढ़ाना होगा।'