नई दिल्ली : पिछले साल राष्ट्रीय खेलों में आठ स्वर्ण समेत दस पदक जीतने वाले भारतीय तैराक श्रीहरि नटराज 2017 से लगातार खेल रहे हैं और कड़े अभ्यास से थककर आखिर उन्हें कुछ समय का ब्रेक लेना पड़ा। नटराज ने कहा, ‘मुझे आराम की जरूरत थी क्योंकि 2023 सत्र काफी व्यस्त था जिसमें इतने सारे टूर्नामेंट थे। मुझे लगा कि अगर ब्रेक नहीं लिया तो शरीर टूट जाएगा।'
उन्होंने कहा, ‘इससे चोट का भी डर रहता या अभ्यास की इच्छा ही मर जाती। शरीर पर काफी दबाव था लिहाजा मैने कुछ समय का ब्रेक ले लिया।' ब्रेक के बाद तरोताजा होकर 23 बरस के नटराज दूसरा ओलंपिक खेलने को तैयार हैं जिसमें वह सौ मीटर बैकस्ट्रोक में भाग लेंगे। ‘यूनिवर्सिलिटी कोटा' से ओलंपिक जा रहे नटराज ने तोक्यो ओलंपिक के लिए सरधे क्वालीफाई किया था। यूनिवर्सिलिटी कोटा के तहत जिस देश के तैराक सीधे क्वालीफाई नहीं कर सके हों , उनके सर्वोच्च रैंकिंग वाले दो तैराकों को ओलंपिक खेलने का मौका मिलता है।
नटराज ने कहा, ‘यह निराशाजनक था कि मैं सीधे क्वालीफाई नहीं कर सका लेकिन इसे लेकर चिंतित नहीं हूं। मुझे कोटा मिल गया है और अब या तो मैं अपने अभ्यास पर फोकस कर सकता हूं या इसका दुख मना सकता हूं कि मुझे सीधे क्वालीफिकेशन नहीं मिला। मैं अभ्यास पर फोकस कर रहा हूं।' ब्रेक से लौटने के बाद उन्होंने स्पेन और फ्रांस में मेयर नोस्ट्रम मीट में दो रजत पदक जीते।