खेल डैस्क : आईपीएल में पंजाब किंग्स के लिए खेल रहे ऑस्ट्रेलियाई ऑलराउंडर मार्कस स्टोइनिस ने क्रिकेट पर कोहली के स्थायी प्रभाव की प्रशंसा की है। उन्होंने इसके साथ ही विराट कोहली के साथ लंबे समय से दोस्ती पर भी बात की जोकि उनके अंडर-19 दिनों से शुरू हुई थी। दोनों ने साल 2008 का अंडर-19 विश्व कप खेला था जहां कोहली भारत को खिताब दिलाने में सफल रहे थे। स्टोइनिस तब ऑस्ट्रेलियाई टीम के कप्तान थे। स्टोइनिस ने कोहली के उल्लेखनीय करियर पर कहा कि हम एक-दूसरे को लंबे समय से जानते हैं। पर्थ में हमारा एक पारस्परिक मित्र है जो उसे लंबे समय से जानता है। तो इस तरह से उस रिश्ते की शुरुआत हुई।
स्टोइनिस ने मैदान के बाहर भी कोहली के प्रभाव की सराहना की और कहा कि फिटनेस के मामले में भी यह एक नया दौर है, जिसमें उन्होंने भारतीय टीम को प्रेरित किया और अब नए खिलाड़ियों को मार्गदर्शन दे रहे हैं। अब टीम इंडिया के प्लेयर उनके परिवार की तरह लगते हैं। ईमानदारी से कहूं तो मैं हमेशा उन्हें सलाम करूंगा।

स्टोइनिस ने एक दशक बाद पंजाब किंग्स में वापसी पर कहा कि इतने लंबे समय के बाद वापस आना अच्छा है। मेरे पास उनके साथ अपने पहले आईपीएल सीजन की अच्छी यादें हैं। वहीं, गेंद को फिर से चमकाने के लिए लार को अनुमति देने के फैसले पर बात करते हुए स्टोइनिस ने कहा कि यह नियम (अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में) वापस आने का रास्ता साफ कर सकता है, लेकिन मुझे नहीं लगता कि इससे सफेद गेंद वाले क्रिकेट में बहुत बड़ा अंतर आएगा। उन्होंने कहा कि इससे गेंदबाजों को थोड़ी मदद मिल सकती है, लेकिन प्रारूप की प्रकृति और परिस्थितियों के कारण टी20 में इसका प्रभाव सीमित होगा।
स्टोइनिस ने इम्पैक्ट प्लेयर नियम की आलोचना की करते हुए कहा कि मुझे लगता है कि यह एक ऑलराउंडर की उपयोगिता को कम करता है। और इसका मतलब यह है कि एक ऑलराउंडर के लिए टीम में जगह बनाना बहुत मुश्किल है जब तक कि आपको इम्पैक्ट प्लेयर के रूप में इस्तेमाल न किया जाए। मुझे लगता है कि भारतीय क्रिकेट के लिए, आप अपने ऑलराउंडरों को जितनी जल्दी हो सके विकसित करना चाहेंगे। उन्होंने तर्क दिया कि यह नियम उनके जैसे खिलाड़ियों के लिए अवसरों को कम करता है, संभावित रूप से बहु-कुशल क्रिकेटरों के विकास को रोकता है।