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मेलबर्न : भारत की सीनियर खिलाड़ी स्मृति मंधाना ने आईसीसी महिला टी20 विश्व कप फाइनल में आस्ट्रेलिया के हाथों मिली 85 रन की हार के बाद टीम को अकेला छोड़ देने की बात कही। गत चैम्पियन आस्ट्रेलिया ने टीम को सभी विभागों में पस्त कर पांचवां टी20 विश्व कप खिताब अपने नाम किया। मंधाना ने मैच के बाद कहा कि यह समय आत्ममंथन का है। हार आपको जीत की तुलना में काफी चीजें सिखाती है। टीम को अकेला छोड़ दीजिये और सोचिए कि हम अगले कुछ वर्षों में कैसे बेहतर कर सकते हैं।

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मंधाना का मानना है कि छोटे प्रारूप में टीम काफी बदल गई है और उन्होंने इसका श्रेय मुख्य कोच डब्ल्यूवी रमन को दिया। उन्होंने कहा कि टी20 में हम इतना अच्छा प्रदर्शन नहीं करते थे, वनडे निश्चित रूप से थोड़ा बेहतर होता था। अब हम हर प्रारूप में बराबर अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। कोच ने हमें इस चीज में काफी मदद की है और हमने इसमें काफी सुधार किया है। मंधाना ने कहा कि युवा खिलाड़ियों के आने से काफी बदलाव हुआ और टूर्नामेंट की सबसे बेहतरीन चीज ‘टीम प्रदर्शन' रहा। रमन सर ने सिर्फ एक या दो खिलाड़ियों के प्रदर्शन को नहीं सुधारा बल्कि पूरी टीम का विकास किया।

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आज यह कारगर नहीं रहा लेकिन हम बतौर टीम काफी अच्छे हुए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि उन्होंने रो रही शेफाली वर्मा से कहा कि उन्हें उसके प्रदर्शन पर गर्व है भले ही फाइनल काफी खराब रहा हो। शेफाली 2 रन पर आउट होने और एलिसा हिली का कैच छोड़ने से काफी निराश थीं। मंधाना ने कहा कि जब हम पदक हासिल कर रहे थे तब शेफाली और मैं एक साथ खड़े थे। वह रो रही थी। मैंने उसे कहा कि उसे अपने प्रदर्शन पर गर्व करना चाहिए।

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जब मैं 16 साल की उम्र में अपना पहला विश्व कप खेली थी तो मैं उसकी तुलना में गेंद 20 प्रतिशत भी हिट नहीं कर पाती थी। उन्होंने कहा कि वह खुद के आउट होने के तरीके से काफी निराश थी। वह अभी से ही सोच रही है कि वह कैसे बेहतर हो सकती है। उसे अकेला छोड़ देना चाहिए मैं उसे यही कह सकती हूं।