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नई दिल्लीः पूर्व हॉकी कप्तान और स्टार मिडफील्डर सरदार सिंह का लक्ष्य 2020 के टोक्यो ओलंपिक में खेलना था लेकिन उन्हें इस बात की गहरी कसक है कि उन्हें नए कोच और टीम प्रबंधन ने मौका नहीं दिया। सरदार ने जकार्ता एशियाई खेलों के बाद अंतरराष्ट्रीय हॉकी को अचानक ही अलविदा कह दिया था। एशियाई खेलों में भारत ने अपना खिताब गंवाया था और उसे कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा था। इससे चार साल पहले सरदार की कप्तानी में भारत ने इंचियोन एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतकर सीधे रियो ओलंपिक के लिये क्वालीफाई किया था। पूर्व हॉकी कप्तान शुक्रवार को ग्रेटर नोएडा स्थित शहीद विजय सिंह पथिक स्पोट्स कॉम्पलैक्स में एचसीएल फाउंडेशन की वार्षिक नेशनल स्पोट्स मीट स्पोट्स फॉर चेंज में मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद थे।   

कोच की नजर में फिट नहीं था

सरदार से यह पूछने पर कि क्या वह भुवनेश्वर में इस समय चल रहे हॉकी विश्वकप के लिये भारतीय टीम का हिस्सा होना चाहते थे, उन्होंने संवाददाताओं से कहा,‘‘ मेरा लक्ष्य तो 2020 के टोक्यो ओलंपिक में भी खेलना था लेकिन एशियाई खेलों के बाद मुझे संन्यास लेने के लिए मजबूर होना पड़ा। शायद मैं नए कोच की रणनीति में फिट नहीं बैठ रहा था।’’ उन्होंने कहा,‘‘ विश्वकप के लिए टीम चुनते समय सीनियर खिलाड़यिों के साथ तालमेल बैठाना चाहिए था। लेकिन लगता है कि नए कोच की सोच अलग थी और उनकी रणनीति भी अलग थी। मैं उस सोच में कहीं फिट नहीं था। आप विश्वकप की टीम को ही देखिये जिसमें ज्यादातर नये खिलाड़ी हैं और अनुभवी खिलाड़यिों के नाम पर गोलकीपर पी आर श्रीजेश हैं। लेकिन मैं टीम को विश्वकप में अच्छे प्रदर्शन के लिए अपनी शुभकामनाएं देना चाहता हूं।’’
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भारतीय टीम की विश्वकप की शुरूआत के बारे में पूछे जाने पर सरदार ने कहा,‘‘ टूर्नामेंट में विजयी शुरूआत करना हमेशा अच्छा होता है। मुझे खुशी है कि भारतीय टीम ने अच्छी शुरूआत की और दक्षिण अफ्रीका को 5-0 से हराया। लेकिन इस जीत में भी कुछ चिंता की बातें है। भारत को अपने प्रदर्शन के स्तर को चारों क्वार्टर में एक जैसा बनाए रखना होगा जो इस मैच में नहीं हो पाया था।’’ सरदार ने कहा,‘‘ भारत को आगे बड़े मैच खेलने हैं और बेल्जियम के साथ भारत का अगला मैच खासा महत्वपूर्ण होगा। भारत को अभी कुछ कमियों को भी दूर करने की जरूरत है। खासकर विजयी स्थिति में रहते हुये अंतिम क्षणों में लडख़ड़ा जाना। शूटआउट एक अन्य पहलू है जिसमें सुधार करने की जरूरत है। एशियाई खेलों में हम मलेशिया से अपना महत्वपूर्ण मुकाबला शूटआउट में हार गए थे।’’ 

उन्होंने कहा,‘‘ हम टूर्नामेंट में अच्छी शुरूआत करते हैं लेकिन महत्वपूर्ण मैचों में नर्वस हो जाते हैं। इस कमी को दूर करना होगा। मुझे उम्मीद है कि विश्वकप में भारतीय टीम इन कमजोरियों से दूर रहेगी और घरेलू दर्शकों के सामने बेहतर प्रदर्शन करेगी।’’  मिडफील्डर आकाशदीप सिंह की भूमिका को विश्वकप में महत्वपूर्ण बताते हुए पूर्व मिडफील्डर सरदार ने कहा कि उन्हें एक ब्लैकमैन की भूमिका निभानी होगी और फारवर्ड पंक्ति तथा मिडफील्ड के बीच एक तालमेल बैठाना होगा। उनके पास जैसा अनुभव है उससे वह विश्वकप में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।