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नई दिल्ली : वेट लिफ्टर संजीता चानू बीते दिनों डोपिंग के चलते हुए बैन से बरी हो सकती है। दरअसल अंतरराष्ट्रीय भारोत्तोलन महासंघ (IWF) ने स्वीकार कर लिया है कि संजीता चानू के विफल डोप परीक्षण में उनसे गडबड़ी हुई थी। अब राष्ट्रमंडल खेलों की इस स्वर्ण पदक विजेता प्लेयर ने जांच की मांग की है कि आखिरकर इतनी बड़ी गलती हो कैसे गई। आईडब्ल्यूएफ ने इस साल डोप परीक्षण में विफल रहने की जानकारी देने वाले संवाद में मूत्र के नमूनों को दो अलग-अलग नंबर देने की बात स्वीकार की है।

डोप नतीजे की जानकारी देते हुए संजीता को 15 मई को भेजे पत्र में आईडब्ल्यूएफ ने पिछले साल लास एंजिलिस में 17 नवंबर को लिए नमूने को कोड नंबर 1599000 दिया है जबकि नतीजे के वर्ग में नमूना संख्या 1599176 दी गई है। आईडब्ल्यूएफ ने अपनी गलती उस समय स्वीकार की जब यह मुद्दा प्रधानमंत्री कार्यालय तक पहुंचा। आईडब्ल्यूएफ ने राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) को भेजे पत्र में यह बात स्वीकार की है। 

पीएमओ ने खेल मंत्रालय को इस मुद्दे को देखने को कहा जिसने यह जिम्मेदारी नाडा को सौंपी। नाडा का कहना है कि भले ही आईडब्ल्यूएफ ने गलती स्वीकार कर ली हो लेकिन संजीता को डोपिंग रोधी नियम के उल्लंघन के संदर्भ में अंतरराष्ट्रीय भारोत्तोलन महासंघ के सुनवाई पैनल के समक्ष ही अपना पक्ष रखने की जरूरत है।