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नई दिल्ली : तीन मिश्रित युगल स्लैम सहित 6 ग्रैंड स्लैम खिताब जीतने वाली सानिया मिर्जा ने आखिरकार टेनिस करियर को अलविदा बोल दिया। ऑस्ट्रेलियन ओपन से यू.एस. ओपन तक 35 वर्षीय सानिया ने युगल और मिश्रित युगल में देश का परिचम लहराया। उन्होंने कई लड़कियों को इस खेल को अपनाने के लिए प्रेरित किया और अरबों लोगों के दिलों पर राज किया क्योंकि उन्होंने दुनिया भर में बड़ी उपलब्धियों के साथ भारत का भार उठाया।

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दिया फेयरवेल स्पीच

अपने फेयरवेल स्पीच के दौरान सानिया मिर्जा रो भी पड़ीं। उन्होंने कहा- अगर मैं रोई, तो यह खुशी के आंसू होंगे। अभी मैं कुछ और टूर्नामेंट्स खेलने वाली हूं, परंतु 2005 में मेलबर्न में मेरे करियर की शुरुआत भी हुई। माफ करना। ये कहकर सानिया फूट-फूटकर रोने लगीं। हालांकि बाद में उन्होंने अपने आप को संभाला और स्पीच भी जारी रखी। 
सानिया ने कहा- मैंने सेरेना विलियम्स का भी सामना किया। मुझे यहां कई बार आने का मौका मिला और आप सभी के सामने मैंने खेला। आप लोगों में मुझे यहां अपने घर जैसा ही महसूस कराया। रोड लेवर एरीना बहुत खास है। मैंने कभी यह नहीं सोचा था कि अपने बेटे के सामने मैं यहां ग्रैंड स्लैम का फाइनल खेल सकूंगी। हां, ऐसा हुआ भी और मैंने फाइनल खेला। देखें वीडियो-

 

सानिया मिर्जा की ऐतिहासिक उपलब्धियां

सानिया मिर्जा सभी ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंटों- ऑस्ट्रेलियन ओपन (राऊंड 3), फ्रेंच ओपन (राऊंड 2), विंबलडन (राऊंड 2) और यूएस ओपन (राऊंड 4) के मुख्य ड्रॉ में खेलने वाली एकमात्र महिला खिलाड़ी हैं।
सानिया ने महिला युगल में ऑस्ट्रेलियन ओपन (2016), विंबलडन और यूएस ओपन (दोनों 2015 में) जीता है।
सानिया ने मिश्रित युगल में ऑस्ट्रेलियन ओपन (2009), फ्रेंच ओपन (2012) और यूएस ओपन (2014) जीता।
35 वर्षीय ने 2014 और 2015 में 2 बार टूर फाइनल भी जीता है। उन्होंने एशियाई खेलों, सीडब्ल्यूजी और एफ्रा-एशियाई खेलों में कुल 14 पदक भी जीते हैं।
13 अप्रैल, 2015 को डब्ल्यूटीए डबल्स रैंकिंग वह विश्व नंबर 1 बनी।

 


अन्य उल्लेखनीय उपलब्धियां

2005 में टाइम ने ‘एशिया के 50 नायकों’ में नामित किया।
2016 में मिर्जा ने ‘ऐस अगेंस्ट ऑड्स’ शीर्षक से आत्मकथा लिखी।
द इकोनॉमिक टाइम्स ने ‘33 महिलाओं जिन्होंने भारत को गौरवान्वित किया’ की सूची में सूचीबद्ध किया।
2016 में टाइम पत्रिका द्वारा ‘दुनिया के 100 सबसे प्रभावशाली लोग’ में शामिल 
दक्षिण एशिया के लिए संयुक्त राष्ट्र महिला सद्भावना राजदूत के रूप में नियुक्त हुईं।