Sports

नई दिल्ली : राजस्थान के नागौर जिले के खाटू कस्बे की रहने वाली साइमा सैयद देश की पहली वन स्टार राइडर बन गई है। एक्वेस्ट्रीयन ऑफ इंडिया तथा ऑल इंडिया और राजस्थानी हॉर्स सोसयटी के गुजरात चैप्टर के तत्वावधान में अहमदाबाद में आयोजित ऑल इंडिया ओपन एंडयोरेंस प्रतियोगिता में साइमा ने यह उपलब्धि हासिल की है। साइमा ने 80 किलोमीटर की रेस पूरी कर कांस्य पदक के साथ क्वालीफाई करके वन स्टार राइडर बनीं।

PunjabKesari

साइमा ने मारवाड़ी घोड़ी अरावली के साथ प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था। राजस्थान के एक्वेस्ट्रीयन एसोसिएशन के अध्यक्ष राधवेंद्र सिंह ने कहा कि साइमा की इस उपलब्धि से राजस्थान की अन्य महिला घुड़सवारों को आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलेगी। बता दें कि घुड़सवारी की एंड्यूरेंस प्रतियोगिता में पुरुषों और महिलाओं की अलग-अलग प्रतियोगिता नहीं होती बल्कि महिलाओं को भी पुरुषों के साथ ही गेम में हिस्सा लेना होता है।

PunjabKesari

इससे पूर्व साइमा ने ‘वंडर वुमैन’ का खिताब भी जीता था। साथ ही वह शो जम्पिंग, हेक्स आदि प्रतियोगिताओं में भी भाग लेकर कई पदक जीत चुकी है। वन स्टार बनने के बाद अब सायमा सैयद ऐंडयूरेन्स की अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग ले सकेगी। साइमा ने इससे पहले 40, 60 और 80 किलोमीटर की प्रतियोगिताओं में पदक प्राप्त हासिल कर इसके लिए क्वालीफाई किया था। 

PunjabKesari

साइमा के पिता, सैयद मोइनुल हक, एक कयाकिंग (नौका विहार) एशियाई क्वालीफायर हैं। उसका एक भाई राजस्थान पुलिस की शूटिंग टीम में दूसरा भाई जुनैद सैयद भी राष्ट्रीय स्तर के निशानेबाज हैं और उन्होंने कई पदक जीते हैं। उनकी बड़ी बहन मसीरा सैयद, राष्ट्रीय स्तर की सॉफ्टबॉल खिलाड़ी हैं। एक और बहन सारा सैयद राष्ट्रीय स्तर की तीरंदाज हैं। साइमा के दादा सैयद इमानुल हक स्वतंत्रता सेनानी थे।

साइमा का कहना है कि उनके दादा हमेशा लड़कियों को समान अवसर देने के पक्षधर थे। उन्होंने हमेशा कहा कि महिलाओं को भी जीवन में आगे बढऩे का उतना ही अधिकार है जितना पुरुषों को। वहीं, साइमा ने हिजाब को महत्व देते हुए कहा कि मैं भी हिजाब पहनती हूं। इस्लाम खेल के खिलाफ नहीं है। दरअसल, घुड़सवारी सदियों से मुसलमानों का पसंदीदा खेल रहा है। मुझे भी बचपन से ही इस खेल का शौक था और इसलिए इसे भविष्य के करियर के लिए चुनना आसान था।